भोपाल।मियां बीवी राज़ी तो क्या करेगा काज़ी....क्या लव जेहाद मामले में भी यही हालात हो रहे हैं. मध्यप्रदेश में लव जेहाद के खिलाफ सरकार कानून बना चुकी है. मध्यप्रदेश उलेमा बोर्ड की लव जेहाद के मामलों में काज़ियों को निकाह ना पढवाने की सख्त पाबंदी है. इसके साथ ही ये हिदायत भी कि ऐसा करने पर सख्त कार्रवाई होगी. ऐसे में क्या वजह है कि भोपाल में पंद्रह दिन के भीतर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने के एक के बाद एक दो मामले सामने आए. खास बात यह है कि पूरे महीने में ये आंकड़ा दस के पार हो गया है.
भोपाल में अचानक क्यों बढ़े लव जेहाद के मामले:भोपाल में जो दो वाकिए सामने आए हैं उनमें दोनों ही मामलों में पीड़ित पक्ष का बयान है कि उनका धर्म परिवर्तन करवाने के लिए दबाव डाला जा रहा था. हांलाकि धर्म परिवर्तन किए जाने से पहले ही ये मामले प्रकाश में आ गए लिहाजा लव जेहाद का मामला नहीं बन पाया. हिंदू संगठनों का दावा है कि उनके विरोध के बाद इन दोनों मामलों में पुलिस ने जल्द कार्रवाई की है. संस्कृति बचाओ मंच के संयोजक चंद्रशेखर तिवारी के मुताबिक भोपाल में पिछले एक महीने के भीतर छह से आठ लव जेहाद के मामले सामने आए हैं. इनमें से ज्यादातर मामले लोक लाज के डर से दबा लिये जाते हैं. तिवारी का कहना है कि उलेमा बोर्ड को और सख्ती करनी चाहिए ताकि लव जेहाद के मामलों पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके.