मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

MP love Jihad लव जेहाद के खिलाफ कानून कितना असरदार, उलेमा बोर्ड की भी सख्त गाईडलाईन, बावजूद इसके 15 दिन में सामने आए 2 मामले

मध्यप्रदेश में लव जेहाद के खिलाफ सरकार कानून law against love jihad बना चुकी है. मध्यप्रदेश उलेमा बोर्ड Ulema Board guideline की लव जेहाद के मामलों में काज़ियों को निकाह ना पढवाने की सख्त पाबंदी है. इसके साथ ही ये हिदायत भी कि ऐसा करने पर सख्त कार्रवाई होगी. ऐसे में क्या वजह है कि भोपाल hopal 2 love jihad cases में पंद्रह दिन के भीतर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने के एक के बाद एक दो मामले सामने आए. law against love jihad ,MP love Jihad cases, B

MP love Jihad case
लव जेहाद के खिलाफ कानून

By

Published : Nov 9, 2022, 8:38 PM IST

भोपाल।मियां बीवी राज़ी तो क्या करेगा काज़ी....क्या लव जेहाद मामले में भी यही हालात हो रहे हैं. मध्यप्रदेश में लव जेहाद के खिलाफ सरकार कानून बना चुकी है. मध्यप्रदेश उलेमा बोर्ड की लव जेहाद के मामलों में काज़ियों को निकाह ना पढवाने की सख्त पाबंदी है. इसके साथ ही ये हिदायत भी कि ऐसा करने पर सख्त कार्रवाई होगी. ऐसे में क्या वजह है कि भोपाल में पंद्रह दिन के भीतर धर्म परिवर्तन का दबाव बनाने के एक के बाद एक दो मामले सामने आए. खास बात यह है कि पूरे महीने में ये आंकड़ा दस के पार हो गया है.


भोपाल में अचानक क्यों बढ़े लव जेहाद के मामले:भोपाल में जो दो वाकिए सामने आए हैं उनमें दोनों ही मामलों में पीड़ित पक्ष का बयान है कि उनका धर्म परिवर्तन करवाने के लिए दबाव डाला जा रहा था. हांलाकि धर्म परिवर्तन किए जाने से पहले ही ये मामले प्रकाश में आ गए लिहाजा लव जेहाद का मामला नहीं बन पाया. हिंदू संगठनों का दावा है कि उनके विरोध के बाद इन दोनों मामलों में पुलिस ने जल्द कार्रवाई की है. संस्कृति बचाओ मंच के संयोजक चंद्रशेखर तिवारी के मुताबिक भोपाल में पिछले एक महीने के भीतर छह से आठ लव जेहाद के मामले सामने आए हैं. इनमें से ज्यादातर मामले लोक लाज के डर से दबा लिये जाते हैं. तिवारी का कहना है कि उलेमा बोर्ड को और सख्ती करनी चाहिए ताकि लव जेहाद के मामलों पर पूरी तरह से रोक लगाई जा सके.

Love Jihad In Indore : इंदौर में लव जेहाद का एक और मामला, युवती घर से गहने लेकर भागी, अकोला में शादी का आवेदन

क्या है उलेमा बोर्ड की सख्त गाईडलाईन:लव जेहाद को लेकर मध्यप्रदेश उलेमा बोर्ड की सख्त गाईडलाईन है कि दो अलग अलग धर्मों के लोगों का निकाह उनके परिजनों की मंजूरी के बगैर करवाए जाने पर काज़ी के खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी. बोर्ड के प्रदेश अध्यक्ष काजी सैयद अनस अली नदवी का कहना है कि उलेमा बोर्ड का ये फैसला केवल मध्यप्रदेश नहीं पूरे देश के लिए है. उलेमा बोर्ड अमन का पैरोकार है. गंगा जमुनी तहज़ीब का हामी है. इसके लिए बाकायदा काज़ियों को चिट्ठी लिखकर हिदायत दी गई है कि कोई भी काज़ी दो अलग धर्म वाले लोगों का निकाह ना कराएं. काज़ी साहब बताते हैं कि इस्लाम भी हमें इस बात की इजाज़त नहीं देता कि कोई शादी के लिए अपना मज़हब बदले. जिसे इस्लाम कुबूल करना है पहले उसे इस्लाम को पढ़ना और समझना होगा.

ABOUT THE AUTHOR

...view details