भोपाल। 2023 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के लिए गेमचेंजर बताई गई लाड़ली बहना योजना क्या लोकसभा चुनाव में बीजेपी का बना बनाया गेम चेंज कर सकती है. लाड़ली बहनों का मामा यानि पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान के लिए विलाप की तस्वीरें माहौल बना रही हैं. उस पर ये संशय कि कहीं योजना बंद तो नहीं हो जाएगी. उस पर दो आषाढ़ के अंदाज में सागर में लाड़ली बहना योजना को लेकर जारी किया गया आदेश...जिसे हाथ के बाथ हालांकि रद्द भी करना पड़ा. चुनाव नतीजों के बाद से अब जबकि एमपी में नए मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव शपथ ले चुके हैं...एक लकीर लगातार खिंची जा रही है कि ये मोदी मैजिक है या लाड़ली बहनों का कमाल.
लाड़ली बहनों का रुलाई....किसकी मुश्किल बढ़ाएगी:तो बात केवल ये नहीं है कि अपनी प्रोफाइल में खुद को पूर्व सीएम से पहले मामा और भाई बना चुके शिवराज सिंह चौहान लाड़ली बहनों के जरिए बता रहे हैं कि वो क्या हैं. मुद्दा ये है कि लाड़ली बहनों का विलाप और ये आलाप कि उन्होंने तो वोट शिवराज सिंह चौहान को दिया था, उनके साथ धोखा हो गया. लोकसभा चुनाव की मुहाने पर खड़ी बीजेपी की सेहत के लिए ठीक नही है. वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक पवन देवलिया कहते हैं ''एमपी में बीजेपी की सरकार आने के बाद दो बातें बहुत प्रमुखता से उठाई जा रही हैं, पहली मोदी मैजिक व दूसरी लाड़ली बहना.''
बहनें बोलीं-हमारे साथ धोखा हुआ: निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समर्थकों का दावा है लाड़ली बहना के कारण बीजेपी की सरकार बनी है. वहीं बीजेपी संगठन और कार्यकर्ताओं का कहना है कि मोदी मैजिक चला है, जिसकी वजह से ही प्रदेश में भारी बहुमत की सरकार बनी है. सवाल ये है कि ये जो परसेप्शन सेट किया जा रहा है क्या ये बीजेपी के लिए मुश्किल नहीं बनेगा. जब आम चुनाव चार महीने के फासले पर है, तब ये माहौल कि लाड़ली बहनों के बीच में खड़े पूर्व सीएम से महिलाएं कह रही है कि हमारे साथ धोखा हो गया, ये क्या माहौल बनाएगा.
सागर से निकला महिला बाल विकास का आदेश, किसकी साजिश:सागर जिले के महिला बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी ग्रामीण-02 ने लाड़ली बहना योजना के लाभ परित्याग से संबंधित आदेश आज जारी किया. इस आदेश में कहा गया है कि यदि किसी पर्यवेक्षक, किसी आंगनवाड़ी, सहायिका, स्वसहायता समूह के अध्यक्ष, सचिव या समूह के अन्य सदस्य के द्वारा लाड़ली बहना योजना की जो शासन द्वारा निर्धारित शर्त थी उन शर्तों के विपरीत लाभ लिया गया है, तो 15 दिवस के भीतर आप लाभ परित्याग कर दें. अन्यथा शर्तों से वितरित लाभ लेने पर आपके विरुद्ध कार्यवाही के लिए आप स्वयं जिम्मेदार होंगे.