भोपाल।साल 2021 उतार-चढ़ाव भरा रहा. कोरोना की दूसरी लहर (corona second wave in mp) आने के बाद प्रदेश में हालात बद से बदतर होते नजर आए. कहीं ऑक्सीजन की किल्लत तो कहीं बेडों की कमी. वहीं रेमडेसिविर (remdesivir crisis in mp) जैसे इंजेक्शन के लिए लोग दरबदर की ठोकर खाते रहे. यह हालात राज्य के साथ अन्य प्रदेशों में भी रहे. कोरोना के अलावा लोग अन्य बीमारी से भी जूझे. हालांकि मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार (mp health infrastructure) ने समय-समय पर लोगों को राहत प्रदान करने के लिए जरूरी कदम उठाये. आएये क्रम से समझते हैं कि हेल्थ सेक्टर में साल 2021 में क्या-क्या हुआ.
14 मार्च 2021ः कैंसर इंस्टीट्यूट के अनुदान के लिए सीएम ने लगाई गुहार
14 मार्च को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से उनके आवास पर मुलाकात की थी. यहां उन्होंने केंद्रीय मंत्री से जबलपुर में कैंसर इंस्टीट्यूट के लिए 60-75% अनुदान बढ़ाने की गुहार लगाई.
05 अप्रैल 2021: फायर सेफ्टी मापदंडों का नहीं किया गया पालन
05 अप्रैल को उज्जैन नगर निगम को यह पता था कि उसके इलाके के 13 अस्पताल में फायर सेफ्टी मापदंडों का पालन नहीं किया जा रहा है. सुरक्षा के लिहाज से वहां के अस्पतालों में फायर सेफ्टी उपकरण नहीं है. रिपोर्ट तैयार होने के बावजूद उपकरणों की मांग चार महीने फाइलों में ही धूल फांकती रही.
07 अप्रैल 2021: रेमडेसिविर इंजेक्शन कालाबाजारी का भंडाफोड़
कोरोना काल में प्रदेश की जनता रेमडेसिविर इंजेक्शन से जूझती रही. वहीं दूसरी ओर कालाबाजारी के सौदागरों ने इसकी ब्लैक मार्केटिंग शुरू कर दी. 07 अप्रैल को इंदौर में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का भंडाफोड़ हुआ. इसके तार गुजरात तक जुड़े.
08 अप्रैल 2021: ऑक्सीजन किल्लत से जूझे लोग
कोरोना की दूसरी लहर अप्रैल माह में अपने चरम पर थी. चारों ओर हाहाकार मचा हुआ था. एक तरफ लोग रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी से जूझ रहे थे, वहीं दूसरी ओर ऑक्सीजन की किल्लत (oxygen crisis in mp) का सामना भी करना पड़ा. ऑक्सीजन की डिमांड इतनी बढ़ गई कि सरकार लोगों तक ऑक्सीजन की पर्याप्त सप्लाई मुहैया कराने में असफल नजर आई.
09 मई 2021: आपात दवा के लिए मिली मंजूरी
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को 2-डीऑक्सी-डी-ग्लुकोज (2-डीजी) को कोविड-19 के इलाज के लिए आपातकाल प्रयोग की मंजूरी मिली. इसका प्रयोग कोरोना संक्रमण (emergency medicine for covid patient in mp) से जूझ रहे गंभीर मरीजों पर हो सकता था. ग्वालियर डीआरडीओ ने इस दवा का सबसे पहले प्रयोग कैंसर पेशेंट पर किया गया. ग्वालियर डीआरडीओ के पीआरओ परितोष मालविय ने बताया कि हमने 1998 में कैंसर के इलाज के लिए इस दवा पर काम करना शुरू कर दिया था. चूंकि परिणाम बहुत उत्साहजनक थे, इसलिए जांच चल रही थी और 2002-2004 में हमने इसका पेटेंट कराया.
15 मई 2021: कोरोना के बाद ब्लैक फंगस बना जी का जंजाल
कोरोना के बाद ब्लैक फंगस ने पैर पसारे. कोरोना संक्रमण से जूझ रहे या ठीक हुए मरीजों के लिए यह आफत बनकर आया. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ब्लैक फंगस के मामलों की तत्काल पहचान के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि प्रत्येक वार्ड और ग्राम स्तर पर ब्लैक फंगस (black fungus patient in mp) के मामलों की तत्काल पहचान के लिए आवश्यक रणनीति विकसित कर एडवाइजरी जारी की जाए. इससे ऐसे मामलों में तत्काल उपचार सुनिश्चित होगा.
02 जुलाई 2021: दिव्यांगों के लिए तोहफा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 02 जुलाई को कहा कि सीहोर में बन रहा राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं अनुसंधान संस्थान और सरकार द्वारा ग्वालियर में दिव्यांगों के लिए बनाया जा रहा खेल परिसर राज्य के लिए अनुपम उपहार है.