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MP Health 2021: बीमार स्वास्थ्य व्यवस्था ने दिया बेइंतहा दर्द, कोरोना ने कंपा दी रूह

कोरोना की दूसरी लहर आने के बाद प्रदेश में हालात बद से बदतर होते नजर आए. कहीं ऑक्सीजन की किल्लत तो कहीं बेडों की कमी. एमपी सरकार ने कोरोना की दूसरी लहर (corona second wave in mp) से लड़ने के लिए समय समय पर कदम उठाए, लेकिन हालातों पर उस तरह से काबू नहीं पाया जा सका. आएये समझते हैं साल 2021 का लेखा-जोखा.

MP Health 2021
दर्दभरा साल 2021

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Published : Dec 31, 2021, 11:24 AM IST

भोपाल।साल 2021 उतार-चढ़ाव भरा रहा. कोरोना की दूसरी लहर (corona second wave in mp) आने के बाद प्रदेश में हालात बद से बदतर होते नजर आए. कहीं ऑक्सीजन की किल्लत तो कहीं बेडों की कमी. वहीं रेमडेसिविर (remdesivir crisis in mp) जैसे इंजेक्शन के लिए लोग दरबदर की ठोकर खाते रहे. यह हालात राज्य के साथ अन्य प्रदेशों में भी रहे. कोरोना के अलावा लोग अन्य बीमारी से भी जूझे. हालांकि मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार (mp health infrastructure) ने समय-समय पर लोगों को राहत प्रदान करने के लिए जरूरी कदम उठाये. आएये क्रम से समझते हैं कि हेल्थ सेक्टर में साल 2021 में क्या-क्या हुआ.

सीएम शिवराज सिंह चौहान

14 मार्च 2021ः कैंसर इंस्टीट्यूट के अनुदान के लिए सीएम ने लगाई गुहार
14 मार्च को सीएम शिवराज सिंह चौहान ने तत्कालीन स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन से उनके आवास पर मुलाकात की थी. यहां उन्होंने केंद्रीय मंत्री से जबलपुर में कैंसर इंस्टीट्यूट के लिए 60-75% अनुदान बढ़ाने की गुहार लगाई.

05 अप्रैल 2021: फायर सेफ्टी मापदंडों का नहीं किया गया पालन
05 अप्रैल को उज्जैन नगर निगम को यह पता था कि उसके इलाके के 13 अस्पताल में फायर सेफ्टी मापदंडों का पालन नहीं किया जा रहा है. सुरक्षा के लिहाज से वहां के अस्पतालों में फायर सेफ्टी उपकरण नहीं है. रिपोर्ट तैयार होने के बावजूद उपकरणों की मांग चार महीने फाइलों में ही धूल फांकती रही.

रेमडेसिविर की हुई कालाबाजारी

07 अप्रैल 2021: रेमडेसिविर इंजेक्शन कालाबाजारी का भंडाफोड़
कोरोना काल में प्रदेश की जनता रेमडेसिविर इंजेक्शन से जूझती रही. वहीं दूसरी ओर कालाबाजारी के सौदागरों ने इसकी ब्लैक मार्केटिंग शुरू कर दी. 07 अप्रैल को इंदौर में रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी का भंडाफोड़ हुआ. इसके तार गुजरात तक जुड़े.

08 अप्रैल 2021: ऑक्सीजन किल्लत से जूझे लोग
कोरोना की दूसरी लहर अप्रैल माह में अपने चरम पर थी. चारों ओर हाहाकार मचा हुआ था. एक तरफ लोग रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी से जूझ रहे थे, वहीं दूसरी ओर ऑक्सीजन की किल्लत (oxygen crisis in mp) का सामना भी करना पड़ा. ऑक्सीजन की डिमांड इतनी बढ़ गई कि सरकार लोगों तक ऑक्सीजन की पर्याप्त सप्लाई मुहैया कराने में असफल नजर आई.

ऑक्सीजन क्राइसिस के चलते दरबदर भटकते रहे मरीज

09 मई 2021: आपात दवा के लिए मिली मंजूरी
ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया को 2-डीऑक्सी-डी-ग्लुकोज (2-डीजी) को कोविड-19 के इलाज के लिए आपातकाल प्रयोग की मंजूरी मिली. इसका प्रयोग कोरोना संक्रमण (emergency medicine for covid patient in mp) से जूझ रहे गंभीर मरीजों पर हो सकता था. ग्वालियर डीआरडीओ ने इस दवा का सबसे पहले प्रयोग कैंसर पेशेंट पर किया गया. ग्वालियर डीआरडीओ के पीआरओ परितोष मालविय ने बताया कि हमने 1998 में कैंसर के इलाज के लिए इस दवा पर काम करना शुरू कर दिया था. चूंकि परिणाम बहुत उत्साहजनक थे, इसलिए जांच चल रही थी और 2002-2004 में हमने इसका पेटेंट कराया.

15 मई 2021: कोरोना के बाद ब्लैक फंगस बना जी का जंजाल
कोरोना के बाद ब्लैक फंगस ने पैर पसारे. कोरोना संक्रमण से जूझ रहे या ठीक हुए मरीजों के लिए यह आफत बनकर आया. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि ब्लैक फंगस के मामलों की तत्काल पहचान के लिए व्यापक स्तर पर अभियान चलाने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि प्रत्येक वार्ड और ग्राम स्तर पर ब्लैक फंगस (black fungus patient in mp) के मामलों की तत्काल पहचान के लिए आवश्यक रणनीति विकसित कर एडवाइजरी जारी की जाए. इससे ऐसे मामलों में तत्काल उपचार सुनिश्चित होगा.

ब्लैक फंगस से परेशान लोग

02 जुलाई 2021: दिव्यांगों के लिए तोहफा
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 02 जुलाई को कहा कि सीहोर में बन रहा राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य एवं अनुसंधान संस्थान और सरकार द्वारा ग्वालियर में दिव्यांगों के लिए बनाया जा रहा खेल परिसर राज्य के लिए अनुपम उपहार है.

02 मई 2021: घर जाने के लिए प्रवासियों को नहीं मिलीं बसें
कोरोना काल से प्रवासियों का एक तबका सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ. एक बार फिर प्रवासी श्रमिक मध्य प्रदेश में अपने गृह नगरों को लौटने के लिए पैदल ही निकलने को मजबूर हुए. एक दिन में 200 से अधिक मजदूरों को यूपी-एमपी सीमा पर घूमते देखा गया. कोरोना में लगे लॉकडाउन से उनका रोजगार छिन गया.

एमपी में मौत के आंकड़ों में हुई हेराफेरी

12 अप्रैल 2021ः अंतिम संस्कार की बाट देखते रहे शव

कोरोना काल में जहां लोग इलाज और ऑक्सीजन के लिए दर-दर की ठोकरे खा रहे थे. वहीं दूसरी ओर शव अंतिम संस्कारों की बाट जोह रहे थे. प्रतिदिन औसतन 50 शवों को भदभदा श्मशान घाट लाया जा रहा था. अंतिम संस्कार के लिए शवों को लाइन लगी थीं. इस दौरान कोविड प्रोटोकॉल कहीं नहीं देखा गया.

04-05 मई 2021ः गरीबों के लिए मुफ्त इलाज का ऐलान

कोरोना के बेकाबू हालातों को देखते हुए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि राज्य में गरीबों को पूर्ण कोविड-19 इलाज मुफ्त मिलेगा. इसके बाद 05 मई को मप्र सरकार ने राज्य में कोविड-19 रोगियों के मुफ्त इलाज के लिए एक नई योजना शुरू की. इस योजना से गरीबों और यहां तक ​​कि मध्यम वर्ग को भी लाभ होगा, जो अनुबंधित निजी अस्पतालों में मुफ्त कोविड उपचार प्राप्त कर सकते हैं.

गुजरात से मंगायी ऑक्सीजन

10 मई 2021ः क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी का गठन
कोरोना जब ग्रामीण स्तर पर भी फैलने लगा तो 10 मई को राज्य सरकार ने ब्लॉक और ग्राम स्तर पर क्राइसिस मैनेजमेंट कमेटी का गठन किया गया. इससे कोरोना से लड़ने के लिए माइक्रो लेवल पर तैयारी की जा सकी.

अस्पतालों में खाली पड़े रहे ऑक्सीजन के सिलेंडर

MP Education 2021: सबसे पहले लागू की नई शिक्षा नीति, CM राइजिंग स्कूल बदल सकता है राज्य की तस्वीर

अगर देखा जाए तो साल 2021 लोगों बहुत परेशानियों का सामना करना पड़ा. इस महामारी से राज्य में 250 बच्चे अनाथ हो गए. इन सभी बच्चों की देखभाल का जिम्मा राज्य सरकार ने उठाया है. इसके अलावा अन्य 1,200 लोगों ने या तो अपनी मां या पिता को खो दिया है.

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