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वैक्सीनेशन में पिछड़े सांसदों के गांव: कहीं टीका नहीं, तो कहीं जागरूकता की कमी

वैक्सीनेशन (Vaccination) के प्रति जागरूकता के लिए जनप्रतिनिधि लगातार अभियान चला रहे हैं. सभी सांसद इसी काम में जुटे हुए है. ईटीवी भारत ने रीवा, सीधी और मंदसौर सांसदों के गांवों में जाकर वहां वैक्सीनेशन का हाल जाना.

Lack of awareness in model villages
वैक्सीनेशन में पिछड़े आदर्श गांव

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Published : Jun 14, 2021, 5:10 PM IST

भोपाल। वैक्सीनेशन (Vaccination) को लेकर लोगों को जागरुक करने के लिए लगातार अभियान चलाए जा रहे हैं. हर स्तर पर जनप्रतिनिधि अपने-अपने क्षेत्रों में 100 फीसदी वैक्सीनेशन करवाने की कोशिश में लगे हैं. लेकिन मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के कुछ संसदीय क्षेत्रों में दीया तले अंधेरा दिखाई दे रहा है. प्रदेश के कुछ इलाकों के सांसदों के खुद के गांवों या गोद लिए गांवों में लोग वैक्सीनेशन को लेकर जागरुक नहीं है. कहीं वैक्सीनेशन की धीमी रफ्तार का कारण जागरूकता का अभाव (Lack of awareness) है, तो कहीं वैक्सीन की कमी परेशानी बनी हुई है.

  • रीवा सांसद के गांव के 40 % वैक्सीनेशन

रीवा सांसद जनार्दन मिश्रा (Janardan Mishra) ने 220 से ज्यादा गांवों का दौरा कर लोगों को वैक्सीनेशन के लिए जागरुक किया है. लेकिन सांसद जनार्दन मिश्रा के गांव हिनौता (Hinota) में सिर्फ 40 फीसदी वैक्सीनेशन हो पाया है. इसका कारण वैक्सीन की कमी है. सांसद जनार्दन मिश्रा (Janardan Mishra) अपने ही गांव में लोगों को वैक्सीन दिलाने में नाकामयाब दिखाई दे रहे हैं. हिनौता गांव के लोग बड़ी संख्या में वैक्सीनेशन सेंटर पहुंच रहे हैं, इस वजह से वहां वैक्सीन की डोज कम पड़ने लगी है.

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लोग जागरुक लेकिन नहीं मिल रही वैक्सीन

ग्राम पंचायत हिनौता (Hinota) में लंबे समय से वैक्सीनेशन को लेकर जन जागरुकता अभियान चलाया जा रहा है, जिसके चलते वैक्सीन लगवाने के लिए लोग बढ़-चढ़कर हिस्सा भी ले रहे हैं. फिर भी उन्हें पर्याप्त मात्रा में वैक्सीन की डोज नहीं मिल पा रहे है. हिनौता गांव के लोगों की माने तो वह हर दिन टीकाकरण केंद्र में जाते हैं मगर उन्हें खाली हाथ ही लौट कर वापस आना पड़ता है. आंकड़ों की बात करें तो 3000 आबादी वाले हिनौता गांव में 2000 लोगों का वैक्सीनेशन होना है, लेकिन अभी तक सिर्फ 800 लोगों का ही वैक्सीनेश हो पाया है.

सांसद कर रहे हैं गांव में वैक्सीनेशन की मॉनिटरिंग
  • सीधी सांसद के गांव में जागरुकता की कमी

सीधी सांसद रीति पाठक (Riti Pathak) के गांव पतुलखी (Patulkhi) के लोगों में वैक्सीनेशन को लेकर जागरूकता की कमी है. 3000 आबादी वाले पतुलखी में अब तक सिर्फ 500 लोगों का ही वैक्सीनेशन हुआ है. इसमें भी ज्यादातर लोगों को सिर्फ पहला डोज ही लगा है. लोगों का आरोप है कि अव्यवस्थाओं के चलते वो दूसरा डोज नहीं लगवा पा रहे हैं.

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सिर्फ 500 ग्रामीणों का वैक्सीनेशन

सांसद रीति पाठक (Riti Pathak) के गांव पतुलखी (Patulkhi) के सरपंच का दावा है कि गांव में वैक्सीनेशन को लेकर व्यवस्था कर दी गई है. सरपंच ने बताया कि गांव में कैंप लगाकर वैक्सीनेशन किया जा रहा है. सांसद ने बताया कि पहले कैंप में 200 से ज्यादा लोगों को, दूसरे कैंप में 150 से ज्यादा लोगों को और तीसरे कैंप में 55 लोगों का वैक्सीनेशन किया गया है. लेकिन जब गांव की आबादी पूछी गई तो हकीकत सामने आ गई. 3000 आबादी वाले पतुलखी में सिर्फ 500 लोगों का वैक्सीनेशन हो पाया है.

  • मंदसौर सांसद का आदर्श गांव भी फिसड्डी

टीकाकरण के आंकड़ों के हिसाब से मंदसौर सांसद सुधीर गुप्ता (Sudhir Gupta) का गोद लिया गांव बेहपुर (Behpur) भी पिछड़ा हुआ है. वैक्सीनेशन को लेकर बेहपुर के पिछड़ने का कारण जागरूकता का अभाव और वैक्सीनेशन सेंटर का न होना है. बेहपुर पहुंची ईटीवी भारत की टीम के सामने ग्रामीण सांसद की सक्रियता को लेकर भी खफा नजर आए. ग्रामीणों का आरोप है कि सांसद सुधीर गुप्ता दो सालों से अपने गोद लिए गांव में नहीं आए है.

मंदसौर सांसद के गोद लिए गांव में कम हुआ वैक्सीनेशन

500 लोगों को भी नहीं लगा टीका

सांसद सुधीर गुप्ता (Sudhir Gupta) के गोद लिए गांव बेहपुर (Behpur) में वैक्सीनेशन का आलम यह है कि अब तक 500 लोगों को भी टीका नहीं लग पाया है. गांव से करीब आठ किलोमीटर दूर निंबोद या भाऊगढ़ प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र पर हालात बदतर हैं. यहां हर दिन 100 डोज लगाए जाते हैं लेकिन हर दिन 200 से ज्यादा लोग यहां पहुंच जाते हैं. जिसके चलते ज्यादातर लोगों को बिना वैक्सीन लगवाए घर लौटना पड़ता है.

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यह है गांव में वैक्सीनेशन की स्थिति

बेहपुर की आबादी सरकारी सर्वे के मुताबिक, 4010 हैं. इनमें 784 महिला-पुरूष 45 वर्ष की उम्र से अधिक हैं. 2247 की जनसंख्या 18 वर्ष की आयु से अधिक युवाओं की हैं. 45 से अधिक उम्र वाले लोगों में अभी तक लगभग 403 को टीका लग चुका हैं. वहीं महज 80 युवा ही अब तक टीका लगवा पाए हैं. इस तरह 3031 चिन्हित लोगों में से करीब 500 का ही वैक्सीनेशन हो पाया हैं. दो से तीन लोग दूसरा डोज लगवा चुके हैं.

  • 45+ वालों में 784 चिन्हित लोगों में से करीब 400 पहला डोज लगवा चुके है. इनमें से 2-3 लोगों को दूसरा डोज लग चुका हैं. समय अवधि बढ़ने के बाद अब दूसरे डोज की प्रक्रिया शुरू होगी.
  • 18+ वालों में 2247 चिन्हित युवाओं में से महज करीब 80 को ही वैक्सीन लग चुकी हैं. कई तो मोबाइल में स्लॉट बुक कर दूसरे गांवों से आकर वैक्सीनेशन करवा रहे हैं.

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