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संबल योजना फिर शुरू होने पर सियासी बवाल, कांग्रेस ने कहा- झूठ बोल रहे शिवराज

मध्य प्रदेश सरकार ने संबल योजना काे री-लॉन्चिंग कर दिया है. ये योजना गरीबों को उनके जन्म के पहले और मृत्यु के बाद तक फायदा पहुंचाती है. योजना के री-लॉन्चिंग होते ही सियासी बवाल मच चुका है. कांग्रेस नेता कुणाल चौधरी ने सीएम शिवराज पर झूठ बोलने का आऱोप लगाया है.

shivraj singh
शिवराज सिंह

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Published : May 6, 2020, 5:05 PM IST

Updated : May 6, 2020, 7:38 PM IST

भोपाल। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने मुख्यमंत्री जन कल्याण संबल योजना को री-लॉन्चिंग कर दिया है. जिसके बाद इस योजना को लेकर सियसात भी शुरू हो गई है. योजना को फिर शुरू करने के दावे को नकारते हुए कांग्रेस ने कहा है कि, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह सरासर झूठ बोल रहे हैं. कमलनाथ सरकार बनने पर संबल योजना को बंद नहीं किया गया था, बल्कि मजदूरों के नाम पर जो फर्जी तरीके से भाजपा कार्यकर्ता इसमें शामिल किए गए थे, उनके नाम हटाकर नया नाम "नया सवेरा" देकर योजना को नए सिरे से संचालित किया गया था.

संबल योजना फिर शुरू होने पर सियासी बवाल

कांग्रेस का कहना है कि, शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री रहते हुए इस योजना में मात्र 330 करोड़ की राशि वितरित की गई थी और कांग्रेस सरकार रहते हुए इस योजना में 850 करोड़ से भी अधिक की राशि वितरित की गई है. मप्र युवा कांग्रेस अध्यक्ष और विधायक कुणाल चौधरी का कहना है कि, मध्यप्रदेश में कांग्रेस की सरकार दिसंबर 2018 में बनी थी.

दिसंबर 2018 में सरकार बनने के बाद किसान कर्ज माफी के साथ मुख्यमंत्री कमलनाथ ने संबल योजना को और प्रभावी बनाने के निर्देश अधिकारियों को दिए. साथ ही योजना का नाम परिवर्तित कर नया सवेरा योजना शुरू करने का एलान किया था. आज प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान कहते हैं कि, उन्होंने संबल योजना को पुनः प्रारंभ कर दिया, जो पूरी तरह असत्य है. जब योजना कभी बंद ही नहीं हुई, उसे पुनः प्रारंभ कैसे किया जा सकता है ?

कमलनाथ सरकार ने ज्यादा राशि की थी वितरित

कुणाल चौधरी ने कहा कि क्या मुख्यमंत्री यह बताने का कष्ट करेंगे कि, जो योजना 1 अप्रैल 2018 को शुरू हुई थी, उनके मुख्यमंत्री रहने तक उस योजना में कितनी राशि वितरित की गई ? साथ ही कमलनाथ के मुख्यमंत्री रहते कितनी राशि वितरित की गई ? शायद मुख्यमंत्री को यह बात अधिकारियों ने नहीं बताई या फिर मुख्यमंत्री ने स्वयं इस बात को नजरअंदाज कर दिया है कि, शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री रहते हुए इस योजना में मात्र 330 करोड़ की राशि वितरित की गई थी और कांग्रेस सरकार रहते हुए इस योजना में 850 करोड़ से भी अधिक की राशि वितरित की गई है.

'बीजेपी काम कम प्रचार ज्यादा करती है'

कुणाल चौधरी का कहना है कि, कांग्रेस पार्टी का हमेशा से ही एक एजेंडा रहा है कि, हम काम ज्यादा और प्रचार कम करते हैं. वहीं दूसरी ओर भाजपा काम कम और प्रचार ज्यादा करती है. इस समय जब पूरा देश कोरोना महामारी से लड़ रहा है, प्रदेश के मुख्यमंत्री झूठ बोलने , स्वयं की वाहवाही करने और प्रचार- प्रसार करने में कोई कमी नहीं छोड़ रहे हैं.

फर्जीवाड़े का हुआ था खुलासा

कुणाल चौधरी ने कहा कि, आज उन्होंने सिर्फ मार्च महीने की ऐसे श्रमिकों की राशि वितरित की है, जो कांग्रेस पार्टी द्वारा की गई जांच में पात्र पाए गए. मुख्यमंत्री रहते हुए शिवराज सिंह ने प्रदेश की आधी जनता को श्रमिक बना दिया था और ढाई करोड़ से अधिक पंजीयन कर दिए थे. कमलनाथ के मुख्यमंत्री बनते ही ऐसे फर्जी लोगों को श्रमिक पोर्टल से हटाया गया है और वर्तमान में सिर्फ एक करोड़ चालीस लाख श्रमिक ही पात्र पाए गए है. उन्हीं पात्र श्रमिकों को शिवराज सिंह चौहान ने राशि वितरित की है.

कुणाल चौधरी ने पूछे सवाल

कुणाल चौधरी ने कहा कि, इस आधार पर शिवराज सिंह चौहान भी यह स्वीकृति दे रहे हैं कि, उनके समय में फर्जी पंजीयन हुए थे और कांग्रेस पार्टी ने सत्यापन अभियान चलाकर फर्जी श्रमिकों को जिसमें से अधिकतर भाजपा के कार्यकर्ता थे, उन्हें इस योजना से बाहर किया है. मुख्यमंत्री क्या यह बताने का कष्ट करेंगे कि, यह योजना कब बंद हुई और कोरोना वायरस से लड़ते हुए उन्हें यह झूठ बोलने की क्या आवश्यकता है हुई ?

Last Updated : May 6, 2020, 7:38 PM IST

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