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बच्चों पर कोरोना की तीसरी लहर का कहर! जानें लक्षण, बचाव और इलाज के उपाय - mp corona update

कोरोना महामारी की पहली और दूसरी लहर की अपेक्षा तीसरी लहर बच्चों को ज्यादा संक्रमित कर रही है. क्लीनिकों में पहुंचने वाले बच्चों में से 20 से 25 फीसदी बच्चे कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं. भोपाल पीडियाट्रिक्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉक्टर जीके अग्रवाल ने ईटीवी भारत से बताया कि कैसे अपने बच्चों को कोरोना संक्रमित होने से बचा (Know symptoms prevention and treatment for corona infected children) सकते हैं.

Know symptoms prevention and treatment for corona infected children
बच्चों पर कोरोना की तीसरी लहर का कहर!

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Published : Jan 13, 2022, 3:39 PM IST

भोपाल। मध्यप्रदेश के बच्चों में कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है. राजधानी भोपाल के चाइल्ड क्लीनिक में इलाज कराने पहुंच रहे बच्चों में 20 से 25 फीसदी से अधिक बच्चे कोरोना संक्रमित मिल रहे हैं. भोपाल पीडियाट्रिक्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉक्टर जीके अग्रवाल ने ईटीवी भारत से बातचीत में बताया कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर में बच्चों पर संक्रमण का असर कम हुआ था. इसके मुकाबले तीसरी लहर में बच्चों में संक्रमण (Know symptoms prevention and treatment for corona infected children) की संख्या में इजाफा होता दिख रहा है.

भोपाल पीडियाट्रिक्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉक्टर जीके अग्रवाल से सीधी बात

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तीसरी लहर में बच्चों पर ज्यादा खतरा

डॉक्टर अग्रवाल का कहना है कि कोरोना की पहली और दूसरी लहर के मुकाबले तीसरी लहर में बच्चों पर संक्रमण का प्रभाव अधिक हो रहा है. वायरस म्यूटेंट हो गया है और इसके कई वैरिएंट भी आ गए हैं. डॉ अग्रवाल का कहना है कि 14 साल से कम उम्र के बच्चों का इम्युनिटी लेवल कम होता है, जिसके चलते वे संक्रमित हो रहे हैं. डॉक्टर अग्रवाल ने बताया कि पिछले एक हफ्ते में सभी चाइल्ड क्लीनिक में करीब 25 फीसदी बच्चे कोरोना संक्रमित पाए गए हैं.

भोपाल पीडियाट्रिक्स एसोसिएशन के प्रेसिडेंट डॉक्टर जीके अग्रवाल

बच्चों का कराएं कोरोना टेस्ट

डॉक्टर अग्रवाल का कहना है कि इलाज के दौरान बच्चों में सर्दी-जुकाम, बुखार, हाथ-पैर में दर्द, उल्टी-दस्त जैसे लक्षण पाए जा रहे हैं. ये लक्षण सामान्य तौर पर फ्लू और वायरल इन्फेक्शन में भी होते हैं. यह कहना बहुत ही मुश्किल होता है कि किस बच्चे में कोरोना के लक्षण हैं या कोई अन्य बीमारी है. ऐसी स्थिति में तुरंत ही डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए और उनके परामर्श से कोरोना टेस्ट भी कराना चाहिए.

बच्चों को लगाएं एन-5 मास्क

डॉक्टर अग्रवाल ने कहा कि 2 साल से अधिक उम्र के बच्चों को एन-5 मास्क लगाना चाहिए, जरूरत हो तो डबल मास्क का भी उपयोग किया जा सकता है. बच्चों को सामाजिक कार्यक्रमों, शादी-विवाह या भीड़ वाले इलाकों, मॉल और बाजार में ले जाने से बचना चाहिए.

लक्षण दिखते ही डॉक्टर की लें सलाह

डॉक्टर जीके अग्रवाल का कहना है कि यदि बच्चों को सर्दी-जुकाम, बुखार जैसे लक्षण नजर आते हैं तो तुरंत ही पैरासिटामॉल दे देना चाहिए, साथ ही अपने डॉक्टर से सलाह लेकर आगे की दवाएं लेनी चाहिए. डॉक्टर कहते हैं तो तुरंत ही बच्चों का आरटी पीसीआर या एंटीजन टेस्ट कराया जा सकता है.

बच्चों को लेकर सरकार भी है सतर्क

डॉक्टर जीके अग्रवाल ने बताया कि बच्चों में फैल रहे कोरोना संक्रमण के चलते सरकार भी सतर्क है और अस्पतालों में पूरी व्यवस्थाएं की गई हैं. इसके साथ ही पीडियाट्रिक्स एसोसिएशन भी बच्चों के इलाज के लिए और व्यवस्थाओं में पूरी मदद कर रहा है.

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