भोपाल। साल 2020 में भोपाल नगर निगम के द्वारा शुरू की गई किताब घर योजना इस साल दम तोड़ते हुए नजर आ रही है. इस साल इस योजना में कोई खास काम नहीं हो पाया है. जिसकी वजह से जरूरतमंद बच्चों को किताबें नहीं मिल पाई है. दावा किया जाता है कि पिछले साल इसी योजना के तहत 1 लाख किताबें जरूरतमंदों तक पहुंचाई गई थी. सवाल यह उठता है कि अगर यह योजना पिछले साल इतनी ही सफल थी तो इस साल इस योजना का क्रियान्वयन क्यों नहीं किया गया?
साल 2020 में चलाई थी किताब घर योजना
साल 2020 में भोपाल नगर निगम ने फोर-आर यानी रिसायकल, रिड्यूज, रीयूज और रिफ्यूज के तहत किताब घर नाम से योजना की शुरुआत की थी. योजना के तहत जो किताबें लोग कचरे में फेंक देते थे, नगर निगम ने उन किताबों को जरूरतमंदों तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा था. इसके लिए नगर निगम ने शहर के सभी 85 वार्ड कार्यालय और 19 जोन कार्यालयों में किताब घर की स्थापना की थी. नगर निगम की इस पहल के पिछले साल सकारात्मक परिणाम मिले थे और बड़ी संख्या में निगम के पास किताबें पहुंची थी.
इस साल योजना पर नहीं हुआ काम
2020 में चले इस अभियान में अधिक से अधिक संख्या में किताबें जमा कराने के लिए जागरूकता अभियान भी चलाया गया था. इस साल 2021 में इस पर कोई विशेष कार्य नहीं किया जा रहा. भोपाल में केवल 10 नंबर मार्केट के पास जोन कार्यलय में एक अतिरिक्त काउंटर बनाया गया है, जहां लोग पुरानी किताबें दे सकते है और ले भी सकते है. पिछले साल एकत्र किताबो को निगम की आचार्य नरेन्द्र देव पुस्तकालय में बंडल बना कर रख दिया है, इस कोविड महामारी में यदि यह योजना चालू रहती तो काफी जरूरतमंद बच्चों को पुस्तकें मिल सकती थी.
पिछले साल एकत्र की गई थी 1 लाख पुस्तकें
नगर निगम के जनसंपर्क अधिकारी प्रेम शंकर शुक्ला ने बताया कि पिछले साल निगम ने किताब घर योजना चला कर राजस्व अमले और लोगों की सहायता से लगभग 1 लाख पुस्तकें और कापियां एकत्रित की थी. उनमें एमपी बोर्ड, सीबीएसई बोर्ड के अलग-अलग विषयों की अलग-अलग पुस्तकें थी. उन किताबों को एक जगह एकत्र करके अलग-अलग छांटा गया था. इन किताबों में बड़ी संख्या में साहित्यिक पुस्तकें भी थी जिन्हें नगर निगम के 7 पुस्तकालयों में पहुंचा दिया गया था.