भोपाल। सौभाग्य और पति की लंबी उम्र की कामना के साथ किए जाने वाला करवा चौथ का व्रत धूमधाम से मनाया जा रहा है. सूर्य उदय के साथ वैसे तो व्रत की शुरुआत हो गई है, लेकिन संध्या के समय चंद्रमा की पूजा के बाद ही व्रत का पारणा हो पाएगा और व्रत खुलेगा. सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र की कामना के साथ दिनभर निर्जला व्रत रखती हैं और पानी की एक बूंद भी नहीं पीती. इस बार देशभर में करवा चौथ का चांद रात 8:19 पर निकलेगा. लेकिन हर शहर और जगह के हिसाब से इस के समय में परिवर्तन होता है. आइए हम आपको बताते हैं किन-किन शहरों में चंद्रमा का उदय किस समय होगा. इस बार करवा चौथ के दिन मध्य प्रदेश के कई जिलों में मौसम विभाग ने बारिश की चेतावनी दी है. जिसके चलते हो सकता है कि इन जगह चांद के दर्शन बादलों के बीच में या बारिश के दौरान ना भी हो सकें. ऐसे में महिलाएं क्या करें. इसको लेकर पंडितों के अपने तर्क हैं.
चांद के दर्शन न हों तो क्या करें :ज्योतिष आचार्य विष्णु राजोरिया के अनुसार वैसे तो करवा चौथ का व्रत चंद्र दर्शन करके ही खोलना चाहिए. लेकिन किन्ही कारणों से अगर बारिश की स्थिति होती है या चांद के दर्शन नहीं हो पाते तो चंद्र उदय की एक घड़ी यानी चंद्र उदय से 24 मिनट तक इंतजार करना चाहिए. ज्योतिष आचार्य विष्णु राजोरिया बताते हैं कि चंद्रोदय के 24 मिनट के बाद जिस दिशा से चंद्र उदय हो रहा हो, उस दिशा में जाकर पूजन अर्चन करना चाहिए और चंद्रमा की आकृति का कहीं भी दर्शन करने के बाद चंद्रदेव से माफी मांगकर क्षमायाचना कर व्रत खोलना चाहिए.
बारिश में चांद न दिखे तो ये करें :वहीं पंडित विनोद गौतम के अनुसार अगर चंद्र उदय के दौरान जोरदार बारिश और बादल छाए रहने से चंद्र दर्शन नहीं हो पाते हैं तो महिलाओं को पहले तो बारिश रुकने तक चंद्रदेव का इंतजार करना चाहिए. भले उसमें समय लगे. हो सके तो चंद्र दर्शन करने के बाद ही व्रत खोलना चाहिए. लेकिन बारिश तेज हो या बादलों के कारण चंद्र दर्शन ना हो पा रहे हों तो माताएं -बहनों ने जिस स्थान पर पूजन किया है, वहां चावल से चंद्र की आकृति बनाकर उसका दर्शन कर सकती हैं. साथ ही घर में शिवजी या महादेव के चित्र आदि अगर हों और उसमें उनके मस्तक पर चंद्र होता है तो उसके भी दर्शन कर सकती हैं. लेकिन जिस दिशा में चंद्र निकलता हो उस दिशा में पूजन अर्चन करने के बाद ही व्रत खोलना चाहिए. वहीं पंडित मुकेश महाराज बताते हैं कि आज के समय में हर जगह डिजिटल का और सोशल नेटवर्किंग का युग है. ऐसे में महिलाएं जिस शहर में चांद निकल आया हो, वहां उन शहर में अपने मित्र या साथियों से वीडियो कॉल के माध्यम से भी चंद्र के दर्शन कर सकती हैं.