भोपाल। जनजातीय संग्रहालय में मशहूर संगीतकार खय्याम को श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए संगीतमय शाम का आयोजन किया गया. यह आयोजन खुशबू एजूकेशनल एण्ड कल्चरल सोसायटी द्वारा किया गया. संगीतकार खय्याम की याद में 'करोगे याद तो' कार्यक्रम में युवा गीतकारों ने उनके गीत गाकर संगीत कि दुनिया में उनके योगदान को याद किया.
संगीतकार खय्याम की याद में 'करोगे याद तो' कार्यक्रम का आयोजन, गीतकारों ने दी श्रद्धांजलि
भोपाल में मशहूर संगीतकार खय्याम की याद में 'करोगे याद तो' कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम के माध्यम से गीतकारों ने खय्याम साहब को श्रद्धांजलि दी.
कार्यक्रम के आयोजक साजिद प्रेमी ने कहा कि खय्याम साहब ने संगीत के माध्यम से लोगों के दिल में जगह बनाई है. उन्होंने अपने जीवन काल में इतने मशहूर गीत लिखे हैं जो आज भी युवाओं के द्वारा गुनगुनाए जाते हैं. उनका संगीत आज भी अमर है और आगे भी अमर ही रहेगा. उनके संगीत के कायल दुनिया भर में मिल जाएंगे. आज वह हमारे बीच में नहीं हैं इसीलिए उन्हें याद करने की दृष्टि से इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया है.
खचा खच भरे सभागार में आमंत्रित गायकों ने खय्याम द्वारा संगीतबद्ध एक से बढ़कर एक गीतों और गजलों की प्रस्तुति दी. अली राशिद ने 'जिन्दगी जब भी तेरी बज्म में लाती है' दीपा श्रीवास्तव ने 'इन आंखों की मस्ती के' वाणी पुरोहित ने 'ऐ दिलए नादां' और 'ये क्या जगह है दोस्तों' और सृष्टि माहुरकर ने 'मेरे हमनफस मेरे हम नवा' गजल गाई. कार्यक्रम के माध्यम से सभी कला प्रेमियों ने उन्हें श्रद्धांजलि भी अर्पित की है.