भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को पत्र लिखा है. पत्र में कमलनाथ ने मध्यप्रदेश में पब्लिक ट्रांसपोर्ट को लेकर चल रहे गतिरोध को तत्काल खत्म कर आम जनता को राहत देने की मांग की है. उन्होंने कहा है कि सार्वजनिक परिवहन शुरू न होने से प्रदेश की लाखों जनता विशेषकर ग्रामीण क्षेत्र की जनता बेहद परेशान है. कमलनाथ ने इस संबंध में एक पत्र मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लिखा है.
कमलनाथ ने की पब्लिक ट्रांसपोर्ट शुरू कराने की मांग, लिखा सीएम को पत्र
कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज को सार्वजानिक परिवहन को बिना रुकावट के शुरु करने को लेकर पत्र लिखा है. उन्होंने परिवहन को लेकर मांग की है कि तत्काल जनहित के मामले पर प्राथमिकता के साथ विचार कर परिवहन व्यवसायियों को राहत दें और आम जनता की इस महत्वपूर्ण सुविधा को तत्काल बहाल कराएं.
कमलनाथ ने अपने पत्र में कहा है कि अनलॉक के बाद प्रदेश में सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था को क्रम बद्ध तरीके से शुरू करने का निर्णय लिया गया था. प्रदेश में 22 हजार से अधिक संचालकों द्वारा 35 हजार बसों का संचालन किया जाता है. इनमें प्रतिदिन लगभग 50 लाख नागरिक सफर करते हैं. शासन के निर्णय के बाद सार्वजनिक महत्व की सबसे महत्वपूर्ण सुविधा शुरु ना होने से प्रदेश का नागरिक असुविधाओं का सामना कर रहा है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को लिखे पत्र में कहा है कि 'मुझे ज्ञात हुआ है कि परिवहन व्यवसायियों द्वारा अपनी समस्याओं को लेकर शासन के समक्ष अपना पक्ष रखा है. इस पर आज तक कोई निर्णय ना होने के कारण परिवहन व्यवस्था बहाल नहीं हो सकी है. कोरोना संक्रमण काल में व्यापार को भारी नुकसान पहुंचा है, जिसमें परिवहन व्यवसायी भी शामिल हैं. एक तरफ सरकार राहत देने का दावा कर रही है और दूसरी ओर परिवहन व्यवसायियों की वाजिब समस्याओं पर शासन व्यावहारिक दृष्टिकोण से विचार नहीं कर रहा है.'
कमलनाथ ने कहा है, 'शासन के निर्णय के अनुसार 50 फीसदी सवारी ले जाने का प्रावधान होने के कारण परिवहन व्यवसायियों को नुकसान तो होगा ही, साथ ही पिछले दिनों डीजल के दामों में हुई रिकॉर्ड वृद्धि से परिवहन व्यवस्था को सुचारू बनाए रखने में असफल होंगे. जिसका खामियाजा आम जनता को भुगतना पड़ेगा. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने राज्य सरकार से कहा है कि तत्काल जनहित के इस महत्वपूर्ण मामले पर सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ विचार कर परिवहन व्यवसायियों को राहत प्रदान करें और आम जनता की इस महत्वपूर्ण सुविधा को तत्काल बहाल कराएं.'