भोपाल। मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष कमलनाथ ने केन्द्र की मोदी सरकार और प्रदेश की शिवराज सरकार को ट्वीट्स के जरिए आड़े हाथों लिया है. उन्होंने एक के बाद एक कई ट्वीट किए और कोरोना महामारी के दौर में लोगों को त्रस्त करती महंगाई और कोरोना पीड़ितों की संख्या को लेकर मध्य प्रदेश में छुपाए जा रहे आंकड़ों को आधार बनाया है.
आंकड़े छुपा रही है सरकार?
अपने पहले ट्वीट में उन्होंने सीधे-सीधे शिवराज सिंह पर हमला बोला है. कहा है- कोविड जांच में घोटाला, ऑक्सीजन में घोटाला, इंजेक्शन में घोटाला, अस्पतालों में इलाज में घोटाला और मौतें छुपाने का घोटाला। शिवराज जी, आपने मध्यप्रदेश का मान-सम्मान मिट्टी में मिलाने की सुपारी ले रखी है क्या?
कमलनाथ यहीं नहीं रुके. उन्होंने आगे लिखा है - इस कोरोना महामारी में भी शिवराज सरकार में प्रदेश में फ़र्ज़ीवाड़े जारी…? नक़ली रेमडेसिविर इंजेक्शन ,नक़ली दवाइयाँ ,कालाबाज़ारी ,वैक्सीन की सप्लाई के नाम पर फ़र्ज़ीवाडा ,कोविड सेंटर निर्माण फ़र्ज़ीवाडा ,मौत के आँकड़ो में फ़र्ज़ीवाडे के बाद अब टेस्टिंग में भी फ़र्ज़ीवाड़ा ?
आखिर ये 'खेल' क्या है?
गौरतलब है कि मध्य प्रदेश के सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम यानी सीआरएस (CRS) के ही सरकारी डेटा के मुताबिक मध्य प्रदेश में इस साल 3.5 लाख मौतें हुई हैं। जनवरी से मई के बीच 2021 में जनवरी-मई 2019 के मुकाबले 1.9 लाख ज्यादा मौतें हुई हैं। जबकि सरकार ने जनवरी से मई 2021 के बीच सिर्फ 4,461 कोरोना से मौतों की जानकारी दी है। इस खबर के जाहिर होने के बाद से ही विपक्ष हमलावर है और कमलनाथ भी मौका हाथ से जाने नहीं दे रहे हैं.
महंगाई से जनता त्रस्त पर केन्द्र सरकार मस्त
इसके बाद उन्होंने केन्द्र की मोदी सरकार की नीति और नीयत पर सवाल उठाए हैं. पेट्रोल की बेतहाशा बढ़ती कीमतों पर उन्होंने सरकार को ललकारा है. उन्होंने पीएम मोदी को उन्हीं की कही याद दिला दी है. लिखा है- अबकी मार महंगाई से राहत वाली सरकार का नारा देने वाली मोदी सरकार में पेट्रोल-डीज़ल की आसमान छूती क़ीमतो , खाद्य पदार्थों की क़ीमतों में मूल्यवृद्धि से खुदरा महँगाई दर मई में उच्चतम स्तर 6.3 फ़ीसदी पर पहुँच गयी है.
जनता की मजबूरियां गिनाते हुए कमलनाथ ने ईंधन और बिजली को लेकर भी सरकार को घेरा है. उन्होंने लिखा है- थोक महँगाई दर 12.94% के रिकॉर्ड स्तर पर पहुँच गयी है.ईंधन और बिजली की महँगाई बढ़कर मई में 11.58% हो गयी है , वही दाल की क़ीमतो में यह बढ़कर 9.39% हो गयी है ? जनता का जीना दूभर हो गया है. क्या यही अच्छे दिन है , महँगाई कम का नारा भी जुमला साबित हुआ ?