भोपाल। मध्य प्रदेश में होने वाले आगामी उपचुनाव ईवीएम की जगह मतपत्र से कराए जाने की मांग की जा रही है. कोरोना संकट काल के मद्देनजर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने पत्र के जरिए सुझाव पेश किया है. कमलनाथ ने कहा है कि कोरोना संक्रमण की स्थिति में ईवीएम से मतदाताओं के संक्रमित होने का खतरा रहेगा, जो जनता और मतदाताओं के लिहाज से सहीं नहीं होगा, इसलिए उपचुनाव मतपत्र से कराया जाए.
कमलनाथ ने मुख्य निर्वाचन आयुक्त को पत्र लिखकर कोविड-19 के दौरान चुनाव प्रचार के संबंध में सुझाव दिए हैं. उन्होंने कहा है कि मध्य प्रदेश में विधानसभा उपचुनाव होना है. लेकिन कोरोना वायरस संक्रमण की स्थिति निर्मित है. ऐसी परिस्थिति में राजनीतिक दलों से सुझाव और विचार मांगे जा रहे हैं, जिसको लेकर मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने भी अपने सुझाव पेश किए हैं.
पत्र में लिखा गया है कि डिजास्टर मैनेजमेंट एक्ट 2005 के प्रावधानों के अनुसार कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए दिशा-निर्देश जारी किए गए हैं. वह प्रभावशील हैं. इन प्रावधानों के अतिरिक्त भारत निर्वाचन आयोग चुनाव संचालन के संबंध में जो भी अन्य सुझाव या दिशा-निर्देश जारी करेगा, उसका मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी पूर्ण रूप से पालन करेगी.
उन्होंने अपने दूसरे सुझाव में लिखा है कि मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से पूर्व में पत्र लिखकर भारत निर्वाचन आयोग से निवेदन किया गया कि मध्य प्रदेश में होने वाले सभी विधानसभा के उपचुनाव ईवीएम मशीन के स्थान पर मतदान मतपत्र से कराया जाए, क्योंकि चुनाव प्रक्रिया अनुसार प्रत्येक मतदान केंद्र पर करीब 1 हजार मतदाताओं को मतदान करना होगा. अगर मतदान ईवीएम मशीन के द्वारा किया जाएगा, तब अलग-अलग मतदाता बार-बार ईवीएम मशीन पर उंगली से बटन दबाकर मतदान करेंगे. ऐसी स्थिति में अन्य मतदाताओं को कोरोना वायरस से संक्रमित होने का खतरा मंडरा सकता है.
उन्होंने भारत निर्वाचन आयोग से निवेदन किया है कि आगामी विधानसभा के उपचुनाव का मतदान ईवीएम से ना कराकर मतपत्र से कराया जाए, जिससे की मतदाताओं में कोरोना से संक्रमित होने का खतरा कम रहे, जो प्रदेश की जनता और मतदाताओं के हित में न्यायोचित होगा.