भोपाल। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को पत्र लिखकर उन लोगों की जानकारी मांगी है, जो किसी अन्य प्रदेश में फंसे हैं और अपने प्रदेश आना चाहते हैं या किसी दूसरे प्रदेश में जानना चाहते हैं. उन्होंने कहा है कि सरकार अपनी जिम्मेदारियों को लेकर संवेदनशील नहीं है, सिर्फ अपने प्रचार-प्रसार में जुटी हुई है. सरकार द्वारा मजदूरों को लाने का किराया वसूला जाना सरकार की असंवेदनशीलता का परिचय है. इसलिए विभिन्न जिलों से आई सूची हमें उपलब्ध कराएं, ताकि कांग्रेस उन लोगों की मदद कर पाए.
प्रचार-प्रसार में लगी शिवराज सरकार
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह को लिखे पत्र में कमलनाथ ने कहा है कि कोरोना महामारी को परास्त करने के लिए पूरे भारत को लॉकडाउन किया गया है. लॉकडाउन के कारण देश में सभी तरह के आवागमन को प्रतिबंधित किया गया है. इस नीति के कारण जो व्यक्ति जहां था, वहीं रहेगा, ये नियत हो गया है. समय के साथ लॉकडाउन की अवधि बढ़ती गई. जिसके चलते गरीब, मजदूर, अस्वस्थ, छात्र और दूसरे कारणों से प्रवास पर गए व्यक्ति उसी स्थान पर फंस गए और अभाव में जीवन व्यतीत करने को विवश हो गए.
आर्थिक गतिविधियां बंद होने के कारण आजीविका पर पड़े प्रभाव के चलते इन पीड़ितों को दैनिक आवश्यकता की भी पूर्ति नहीं हो पा रही है और सरकार अपनी लाज बचाने के लिए केवल काम करने के प्रचार-प्रसार में लगी है. कमलनाथ ने कहा है कि कोरोना वायरस के चलते अन्य राज्यों में फंसे लोगों के परिजनों में अत्यधिक पीड़ा और भय व्याप्त है. यही स्थिति अन्य राज्यों से मध्यप्रदेश में आकर फंसे व्यक्तियों और उनके परिजनों की भी है. लेकिन सरकार ऐसे असहाय व्यक्तियों से परिवहन के नाम पर किराया वसूल रही है, जिससे की सरकार की संवेदनशीलता का स्पष्ट दिख रही है.