भोपाल।पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सीएम शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखकर मध्य प्रदेश राज्य सहकारी अनुसूचित जाति वित्त एवं विकास निगम को बंद न किए जाने की मांग की है, कमलनाथ ने सीएम से अनुरोध किया है कि निगम को बंद करने संबंधी निर्णय पर सरकार पुनर्विचार करें.
अनुसूचित जाति वित्त विकास निगम बंद नहीं करने की मांग
पत्र में कमलनाथ ने कहा कि अनुसूचित जाति वर्ग के कल्याण के लिए स्वरोजगार से जोड़ने के लिए अल्प ब्याज दर पर ऋण और अनुदान देने वाले उपक्रम को सरकार द्वारा बंद करने की कार्रवाई की जा रही है, कमलनाथ ने कहा कि विगत 42 वर्षों से निगम द्वारा अनुसूचित जाति वर्ग के उत्थान के लिए विभिन्न योजनाओं का सतत क्रियान्वयन किया जा रहा है.
पूर्व सीएम ने कहा कि निगम के जरिए अनुसूचित जाति वर्ग के परिवारों को स्वरोजगार का लाभ मिला है. निगम को बंद किए जाने से इस वर्ग स्वरोजगार और कौशल प्रशिक्षण की केंद्रीयकृत व्यवस्था समाप्त हो जाएगी, कमलनाथ ने पत्र में कहा कि निगम को बंद किया जाना अनुसूचित जाति वर्ग के हितों की दृष्टि से न्यायसंगत प्रतीत नहीं होता है.
11 दिन में कमलनाथ ने लिखीं 7 चिट्ठी
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पिछले 11 दिनों में यह सातवीं चिट्ठी है, 28 जून को उन्होंने पहली चिट्ठी लिखी थी, जिसमें बिजली की दरों में वृद्धि वापस लेने की मांग की गई थी, वहीं 29 जून को कमलनाथ ने दूसरी चिट्ठी लिखी थी, इसमें बेरोजगार युवक-युवतियों को रोजगार देने और विभिन्न विभागों में रुकी हुई भर्तियों को चालू करने की मांग की गई थी.
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1 जुलाई को कमलनाथ द्वारा तीन चिट्ठियां लिखी गई हैं, इन चिट्ठियों में कलेक्टर गाइडलाइन की दरों में प्रस्तावित वृद्धि रोकने, मुख्यमंत्री राज्य कर्मचारी बीमा योजना लागू करने और नेमावर हत्याकांड की सीबीआई जांच करने की बात सीएम शिवराज सिंह चौहान से की गई थी. छह जुलाई को 6 वी चिट्ठी और सात जुलाई को सातवीं चिट्ठी लिखी है.