भोपाल। प्रदेश भर में कोरोना के मामले हर रोज सामने आ रहे हैं. इसी बीच अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर चिंता जताई है. उन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्भव ठाकरे से मध्यप्रदेश के लिए ऑक्सीजन आपूर्ति को बहाल करने का आग्रह किया है, उन्होंने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी वैकल्पिक व्यवस्था करने के लिए कहा है.
कमलनाथ ने जताई ऑक्सीजन की कमी पर चिंता, वैकल्पिक व्यवस्था करने की दी सलाह - Chief Minister Shivraj Singh Chauhan
मध्यप्रदेश में कोरोना स्थिति ठीक नहीं होने की वजह से पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर चिंता जताई है. उन्होंने कहा कि इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर सहित अन्य जिलों में कोरोना संक्रमण के लगातार बढ़ते मामलों सहित अस्पतालों में बेड की कमी और इलाज में लापरवाही की वजह से हो रही मौतों की निरंतर शिकायतें मिल रही हैं, जिसको लेकर सरकार को इस दिशा में ध्यान देना चाहिए, उन्होंने ऑक्सीजन की वैकल्पिक व्यवस्था रखने की भी सलाह राज्य सरकार को दी है.
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने ट्वीट कर कहा, ''प्रदेश में कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामले चिंताजनक हैं. ऐसे में प्रदेश में मेडिकल ऑक्सीजन की कमी बेहद चिंताजनक विषय है. मैं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री से अपील करता हूं कि संकट के इस दौर में वे हस्तक्षेप कर महाराष्ट्र से मध्यप्रदेश को होने वाली ऑक्सीजन की आपूर्ति को वापस बहाल करवाएं. प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से भी अपील करता हूं कि वे अन्य वैकल्पिक उपायों पर कार्य कर कोरोना महामारी के इस दौर में प्रदेश में ऑक्सीजन की आपूर्ति को सुनिश्चित करने के लिए प्राथमिकता से कार्य करें. प्रदेश में ऑक्सीजन के संकट को तात्कालिक रूप से हल करने की आवश्यकता है. मुख्यमंत्री ऑक्सीजन आपूर्ति को बढ़ाने को लेकर अगले 6 माह की तक की बात कर रहे हैं. साथ ही इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर सहित अन्य जिलों में कोरोना संक्रमण के निरंतर बढ़ते मामलों और अस्पतालों में बेड की कमी और इलाज में लापरवाही की वजह से हो रही मौतों की निरंतर शिकायतें मिल रही है. सरकार इस दिशा में ध्यान देकर कड़े कदम उठाए. बढ़ते संक्रमण के मामलों को देखते हुए अस्पतालों में आवश्यक बेड की संख्या सुनिश्चित करने के लिए भी सरकार कदम उठाए. आज भी निजी अस्पतालों में अन्य बीमारियों के मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है, जिससे मौतों के आंकड़े बढ़ते जा रहे हैं. इस पर भी ध्यान देने की बेहद आवश्यकता है.''