भोपाल।मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनावों से पहले कर्मचारियों का मुद्दा लगातार गर्माता जा रहा है. पुरानी पेंशन देने की बात कहने वाली कांग्रेस अब चतुर्थ श्रेणी कर्मचारियों की आउटसोर्सिंग से की जाने वाली नियुक्ति को भी मुद्दा बना रही है. पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस मामले में शिवराज सरकार को कर्मचारी विरोधी बताया और कमल नाथ ने ट्वीट करते हुए इस पूरी प्रक्रिया में ही धांधली के आरोप भी लगा दिए.
कमल नाथ ने सरकार पर लगाए ये आरोप:कमल नाथ ने ट्वीट कर कहा कि "मध्य प्रदेश की शिवराज सिंह चौहान सरकार ने कर्मचारी विरोध की सारी हदें पार कर दी हैं, सरकार चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की नियुक्ति आउटसोर्सिंग के आधार पर करने जा रही है. चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी प्रशासनिक व्यवस्था की सबसे पहली सीढ़ी हैं और इसमें उन योग्य नौजवानों को भी सम्मानजनक वेतन पर काम करने का मौका मिलता है जो वंचित तबकों से आते हैं और जिन्हें उच्च शिक्षा प्राप्त करने का सौभाग्य प्राप्त नहीं हो पाता. सरकार की यह पहल देखते हुए लगता है कि चतुर्थ श्रेणी के सारे काम आउटसोर्स कर दिए जाएंगे और नियमित रोजगार का एक बहुत बड़ा क्षेत्र हमेशा के लिए समाप्त कर दिया जाएगा. डर इस बात का भी है कि आउटसोर्सिंग से होने वाली भर्ती में योग्य अभ्यर्थियों की जगह भाजपा अपने कार्यकर्ताओं को भर सकती है और नौजवानों के साथ बेईमानी कर सकती है. कुछ मामलों में पहले भी ऐसा किया गया है, शिवराज जी आपको इस तरह की मनमानी करने और युवाओं के भविष्य से खिलवाड़ करने का कोई अधिकार नहीं है."