भोपाल। मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा कि किसानों की सहमति बिना केंद्र ने कृषि कानून लागू किए हैं. जो कि किसानों को पूरी तरह से बर्बाद कर देगा. इन कानूनों में न्यूनतम समर्थन मूल्य की कोई गारंटी का जिक्र नहीं है. उन्होंने कहा कि इन कानूनों में मंडी व्यवस्था समाप्त हो जाएगी. इन कानूनों में सिर्फ कॉरपोरेट जगत को फायदा होगा और जमाखोरी और मुनाफाखोरी को बढ़ावा मिलेगा. यह काले कानून पूरी तरह से किसान विरोधी हैं.
किसानों को बर्बाद करने पर तुली है केंद्र सरकार
पूर्व मुख्यमंत्री और मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि एक तरफ तो मोदी सरकार ने किसानों की आय दोगुनी करने और खेती को लाभ का धंधा बनाने का दावा व वादा किया था और वहीं काले कानून के माध्यम से खेती को और किसानों को बर्बाद करने पर तुले हुए हैं.
केंद्र खेती को घाटे का धंधा बनाने में लगा हुआ है. कोरोना की महामारी के दौरान इन कानूनों को बगैर किसानों से चर्चा किए, बगैर विपक्षी दलों से चर्चा किए, बिना मत विभाजन के लागू किया गया जो केंद्र सरकार का तानाशाही रवैया दिखाता है. जबकि देश का किसान इन कानूनों के विरोध में सड़कों पर है.
कमलनाथ ने कहा है कि बड़ी शर्म की बात है कि देश के तमाम किसान संगठन 11 दिनों से दिल्ली की सीमा पर अपने परिवार के साथ कड़ाके की ठंड में बैठकर इन कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं और केंद्र सरकार हठधर्मिता दिखाते हुए इन काले कानूनों को रद्द नहीं कर रही है. केंद्र सरकार का रवैया पूरी तरह से किसान विरोधी बना हुआ है और कॉरपोरेट जगत के दबाव में वह खेती व किसानों को पूरी तरह से बर्बाद करने पर तुले हुए हैं.