भोपाल (आईएएनएस)।एक तरफ पूरा देश राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठान को लेकर उत्साहित है. सभी का ध्यान बस रामलला पर है, तो वहीं दूसरी तरफ एमपी की सियासत में अविश्वसनीय मुद्दा चर्चा का विषय बना हुआ है. एक संदेश सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. जिसमें कहा गया है कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने 21 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने का समय मांगा है. जिसके बाद सोमवार को एमपी की सियासत में अटकलें तेज हो गईं है.
नकुलनाथ तलाश रहे कांग्रेस से परे विकल्प
संदेश ने ये अटकलें भी तेज कर दी है कि कमलनाथ के बेटे व छिंदवाड़ा के सांसद नकुलनाथ भी कांग्रेस से परे विकल्प तलाश रहे हैं. हालांकि, कमलनाथ के मीडिया सलाहकार पीयूष बबेले ने सोशल मीडिया संदेश को "अफवाह" और "साजिश" करार देते हुए कहा कि 'पूर्व मुख्यमंत्री की तरफ से ऐसी किसी मुलाकात की मांग नहीं की गई है.'
न्याय यात्रा के दौरान कमलनाथ और मोदी के मिलने का संदेश
पीयूष बबेले ने एक आधिकारिक बयान में कहा, 'यह खबर पूरी तरह से षड्यंत्र है. कमलनाथ न तो प्रधानमंत्री से मिलने जा रहे हैं और न ही उन्होंने मिलने का समय मांगा है. 21 जनवरी को वह दिल्ली में भी नहीं रहेंगे. ऐसा लगता है कि एक सुनियोजित साजिश के तहत पिछले कुछ दिनों से लगातार कमलनाथ के बारे में झूठी और बेबुनियाद अफवाहें फैलाई जा रही हैं. ऐसी हरकतें बेहद निंदनीय हैं." यह विवादास्पद संदेश तब प्रसारित किया गया, जब कांग्रेस ने दंगा प्रभावित मणिपुर से 'भारत जोड़ो (न्याय) यात्रा' का दूसरा भाग शुरू किया है.