भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार ने दावा किया है कि सरकार के प्रयासों के चलते लॉकडाउन में देशभर में फंसे करीब 11 लाख मजदूर वापस लौट चुके हैं, वहीं दो लाख मजदूर और लौटने वाले हैं. जिसके बाद इन आंकड़ों को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने सवाल खड़े किए हैं. उन्होंने कहा है कि कोरोना संकट काल में मध्य प्रदेश में लौट रहे प्रवासी मजदूरों के जो आंकड़े सामने आ रहे हैं, वह चौकाने वाले हैं. 15 साल की बीजेपी सरकार पर सवाल खड़े करते हुए उन्होंने कहा कि शिवराज सिंह के कार्यकाल में श्रमिक विरोधी नीतियों के कारण इतनी बड़ी संख्या में लोगों को पलायन करना पड़ा. क्योंकि उन्हें मध्यप्रदेश में रोजगार हासिल नहीं हुआ.
मजदूरों की वापसी के आंकड़ों पर कमलनाथ ने उठाए सवाल, कहा- 15 साल की शिवराज सरकार दोषी
प्रदेश सरकार के 11 लाख मजदूरों की घर वापसी को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री ने सवाल उठाए हैं. उन्होंने कहा कि इतनी मात्रा में मजदूरों का प्रदेश से पलायन पूर्व की शिवराज सरकार की गलत नितियों का नतीजा है.
कमलनाथ ने कहा कि जब वह अपने घर वापस लौट रहे हैं, तो उन्हें कई तरह की परिस्थितियों और परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. कमलनाथ ने सरकार से मांग की है कि प्रदेश में वापस लौटे इन मजदूरों के लिए राहत पैकेज प्रदान किया जाए. साथ ही उनके राशन पानी और रोजगार की व्यवस्था की जाए. अभी तक 11.78 लाख मज़दूरों के प्रदेश वापस लौटने की बात की जा रही है और क़रीब 2 लाख मज़दूरों के और वापस लौटने की बात सामने आ रही है. इतनी बड़ी संख्या में मज़दूरों के प्रदेश से पलायन के पीछे पूर्व की 15 वर्ष की शिवराज सरकार की श्रमिक विरोधी नीतियां ही दोषी है. जिसने इन मज़दूरों को प्रदेश में रोज़गार उपलब्ध नहीं कराया, जिससे रोज़गार की तलाश में इन्हें अपने परिवारों के साथ प्रदेश से पलायन करना पड़ा.
मजदूरों की मौत की जिम्मेदार है शिवराज सरकार
कमलनाथ ने कहा कि यह मज़दूर जब अपने परिवारों के साथ वापस अपने प्रदेश लौट रहे है, तो उन्हें काफ़ी संकटों का सामना करना पड़ रहा है. हज़ारों किलोमीटर का सफ़र कर प्रदेश लौट रहे इन मज़दूरों की वापसी के लिये शिवराज सरकार ने कोई प्रबंध नहीं किया. जिससे उन्हें काफ़ी परेशानियो का सामना करना पड़ रहा है. मजदूर लगातार दुर्घटनाओं का शिकार हो रहे हैं, उनकी अकाल मृत्यु तक हो रही है. इसकी दोषी भी वर्तमान शिवराज सरकार ही है.
राहत पैकेज की मांग
कमलनाथ ने प्रदेश सरकार से मांग की है कि प्रदेश वापसी कर चुके इन लाखों मज़दूरों के लिए सरकार तत्काल राहत पैकेज प्रदान करे. इनके परिवारों के लिए खाने-पीने का प्रबंध कर इन्हें निशुल्क राशन उपलब्ध कराया जाए. साथ ही भविष्य में इनका प्रदेश से पलायन रोकने के लिए इनके रोज़गार की व्यवस्था की जाए, जिससे भविष्य में इनके श्रम का उपयोग प्रदेश हित और प्रदेश निर्माण में हो सके.