मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण पर कमलनाथ सरकार को नहीं सूझ रहा जवाब, हाईकोर्ट ने लगाई रोक - ओबीसी बिल के खिलाफ याचिका

मध्य प्रदेश विधान सभा में बीते 23 जुलाई को ओबीसी आरक्षण 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी करने का विधेयक पास हो गया. सदन में मध्य प्रदेश लोकसेवा संशोधन विधेयक सर्वसम्मति से पारित हुआ. लेकिन इस आरक्षण के खिलाफ मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें कोर्ट ने याचिकाकर्ता की दलील को सुनते हुए 27% आरक्षण को लागू करने पर रोक लगा दी थी.

जबलपुर हाई कोर्ट

By

Published : Sep 30, 2019, 6:55 PM IST

जबलपुर। कमलनाथ सरकार ने अन्य पिछड़ा वर्ग की जातियों को 27% आरक्षण देने का कानून तो बना दिया, लेकिन इसकी वजह से उपजी संवैधानिक समस्या पर सरकार को जवाब नहीं सूझ रहा है. लिहाजा याचिकाकर्ता का कहना कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश की वजह से ओबीसी को 27% आरक्षण नहीं दिया जा सकता है.

मध्यप्रदेश विधान सभा में बीते 23 जुलाई को ओबीसी आरक्षण 14 फीसदी से बढ़ाकर 27 फीसदी करने का विधेयक पास हो गया. सदन में मध्य प्रदेश लोकसेवा संशोधन विधेयक सर्वसम्मति से पारित हुआ. लेकिन इस आरक्षण के खिलाफ मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें कोर्ट ने याचिकाकर्ता की दलील को सुनते हुए 27% आरक्षण को लागू करने पर रोक लगा दी थी.

ओबीसी के 27% आरक्षण पर सरकार निरुत्तर

याचिकाकर्ता का दावा है की, पहले ही मध्यप्रदेश में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को आरक्षण की वजह से आरक्षण 60% हो गया था, अगर ओबीसी को 27% आरक्षण दिया जाता है तो आरक्षण का प्रतिशत 73 के करीब पहुंच जाएगा जबकि सुप्रीम कोर्ट ने इंदिरा साहनी केस में यह आदेश दिया है कि कोई भी सरकारी संस्था 50 प्रतिशत से ज्यादा आरक्षण लागू नहीं कर सकती. अब जबकि मध्य प्रदेश सरकार ने यह आरक्षण लागू कर दिया है, तो सुप्रीम कोर्ट के आदेश के खिलाफ सरकार के पास कोई जवाब नहीं है और हर बार सरकार की ओर से खड़े होने वाले वकील निरुत्तर रहते हैं.

इस मामले में सोमवार को हाई कोर्ट में जब इस केस की सुनवाई हुई, तो राज्य सरकार के महाधिवक्ता ने दलील दी कि, फिलहाल किसी भी किस्म की कोई भर्ती की प्रक्रिया नहीं चल रही है और ना ही किसी को बड़े हुए आरक्षण का फायदा दिया गया है. हालांकि राज्य सरकार ने इस केस को सुप्रीम कोर्ट ले जाने का मन बनाया था. वहीं सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होने के पहले ही राज्य सरकार के आवेदन को खारिज कर दिया . अब 14 अक्टूबर को इस मामले की दोबारा सुनवाई है, देखना होगा कि अब सरकार इस मामले में क्या जवाब देती है.

ABOUT THE AUTHOR

...view details