भोपाल। प्रदेश के अलग-अलग विभागों में कार्यरत लिपिक वेतन विसंगतियों और कई तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं. विसंगतियों के कारण लिपिकों को अन्य राज्यों की तुलना में मध्य प्रदेश में कम वेतन मिल रहा है. विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस ने लिपिकों की समस्या सुलझाने का वादा किया था. लेकिन सरकार बनने के सात महीने बाद भी वादा पूरा नहीं किया गया है. ऐसे में लिपिक वर्ग सरकार के खिलाफ बड़े आंदोलन की तैयारी कर रहा है.
मामले में मध्य प्रदेश तृतीय वर्ग शासकीय कर्मचारी संघ के महासचिव लक्ष्मी नारायण शर्मा ने बताया कि मध्य प्रदेश का लिपिक सबसे ज्यादा शोषित और पीड़ित है. वहीं और प्रदेशों की अपेक्षा मध्य प्रदेश में लिपिकों को सबसे कम वेतन मिल रहा है. इस सारे मामले को पूर्व की सरकार में काफी ताकत के साथ उठाया गया था. जिसके बाद राज्य कर्मचारी कल्याण समिति के अध्यक्ष रमेश चंद्र शर्मा की अध्यक्षता में एक कमेटी बनी थी. जिसने गहन चिंतन मनन के बाद 19 सिफारिशें लिपिकों के पक्ष में की थी।. इन सिफारिशों को लागू कर दिया जाए तो प्रदेश के लिपिकों की वेतन विसंगतियां बहुत हद तक समाप्त हो जाएंगी.