भोपाल/ जबलपुर ।पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा पंचायत एवं नगरी निकाय चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण लागू किए कराए जाने के आदेश पर कहा कि शिवराज सरकार का ओबीसी वर्ग विरोधी चेहरा आज एक बार फिर सामने आ गया है. कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सरकार शुरू से ही नहीं चाहती थी कि ओबीसी वर्ग को किसी भी आरक्षण का लाभ कभी भी मिले. इसको लेकर तमाम हथकंडे व तमाम साजिशें रची जा रही थीं. कमलनाथ ने कहा कि हमारी 15 माह की सरकार ने ओबीसी वर्ग के हित व कल्याण के लिए उनके आरक्षण को 14% से बढ़ाकर 27% किया था.
कांग्रेस ने लड़ाई लड़ी थी :पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा कि हमारी सरकार जाने के बाद शिवराज सरकार ने एक ग़लत अभिमत देकर इस निर्णय को भी कई माह तक रोके रखा. बाद में जब हमने इसकी लड़ाई लड़ी तो सरकार ने अपनी गलती को सुधार कर हमारी सरकार के निर्णय को लागू किया. कमलनाथ ने कहा कि पंचायत चुनाव, नगरीय निकाय चुनाव में भी शिवराज सरकार नहीं चाहती है कि ओबीसी वर्ग को बढ़े हुए आरक्षण का लाभ मिले. इसलिए पूर्व में भी पंचायत चुनाव में इस तरह की पेचींदीगियाँ डाली गयी कि ओबीसी वर्ग को बढ़े हुए आरक्षण का लाभ नहीं मिले. लेकिन हमने लंबी लड़ाई लड़कर भाजपा सरकर की इस साज़िश को फेल कर दिया था.
समय रहते नहीं पूरी हुई ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया :कमलनाथ ने कहा कि अभी भी शिवराज सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत समय रहते ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रियाओं को पूरा नही किया. आधी-अधूरी रिपोर्ट व ग़लत तरीक़े से आधे-अधूरे आँकड़े पेश किये और उसके बाद भी और समय मांगने पर सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी भी की थी कि आपने समय रहते जब कार्रवाई पूरी नहीं की तो अब आगे आप क्या करेंगे. उसके बाद आज यह फैसला आया है. कमलनाथ ने कहा कि यदि भाजपा की शिवराज सरकार मजबूती से न्यायालय में ओबीसी वर्ग का पक्ष रखती, मजबूती से ओबीसी वर्ग के आंकड़ों को रखती तो निश्चिततौर पर आज ओबीसी वर्ग को उनके बढ़े हुए आरक्षण का लाभ मिलता.