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शिवराज सरकार पर कमलनाथ हुए आक्रामक, बोले- OBC आरक्षण के लिए कांग्रेस सदन से लेकर सड़क तक लड़ेगी - कमलनाथ ने चेतावनी भरे लहजे में कहा

सुप्रीम कोर्ट द्वारा मध्यप्रदेश में पंचायत एवं नगरी निकाय चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण लागू किए कराए जाने के आदेश को लेकर कांग्रेस हमलावर हो गई है. पूर्व मुख्यमंत्री व पीसी चीफ कमलनाथ ने शिवराज सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह सरकार नहीं चाहती कि ओबीसी को उनका हक मिले. कमलनाथ ने चेतावनी भरे लहजे में कहा कि इस मुद्दे को लेकर कांग्रेस सदन से लेकर सड़क तक लड़ाई लड़ेगी. (Kamal Nath aggressive on Shivraj government) (Congress will fight for OBC reservation) (Congress will fight from house to road)

Kamal Nath aggressive on Shivraj government
OBC आरक्षण के लिए कांग्रेस लड़ेगी

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Published : May 10, 2022, 1:47 PM IST

Updated : May 10, 2022, 2:22 PM IST

भोपाल/ जबलपुर ।पूर्व मुख्यमंत्री और पीसीसी चीफ कमलनाथ ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा पंचायत एवं नगरी निकाय चुनाव बिना ओबीसी आरक्षण लागू किए कराए जाने के आदेश पर कहा कि शिवराज सरकार का ओबीसी वर्ग विरोधी चेहरा आज एक बार फिर सामने आ गया है. कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सरकार शुरू से ही नहीं चाहती थी कि ओबीसी वर्ग को किसी भी आरक्षण का लाभ कभी भी मिले. इसको लेकर तमाम हथकंडे व तमाम साजिशें रची जा रही थीं. कमलनाथ ने कहा कि हमारी 15 माह की सरकार ने ओबीसी वर्ग के हित व कल्याण के लिए उनके आरक्षण को 14% से बढ़ाकर 27% किया था.

कांग्रेस ने लड़ाई लड़ी थी :पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा कि हमारी सरकार जाने के बाद शिवराज सरकार ने एक ग़लत अभिमत देकर इस निर्णय को भी कई माह तक रोके रखा. बाद में जब हमने इसकी लड़ाई लड़ी तो सरकार ने अपनी गलती को सुधार कर हमारी सरकार के निर्णय को लागू किया. कमलनाथ ने कहा कि पंचायत चुनाव, नगरीय निकाय चुनाव में भी शिवराज सरकार नहीं चाहती है कि ओबीसी वर्ग को बढ़े हुए आरक्षण का लाभ मिले. इसलिए पूर्व में भी पंचायत चुनाव में इस तरह की पेचींदीगियाँ डाली गयी कि ओबीसी वर्ग को बढ़े हुए आरक्षण का लाभ नहीं मिले. लेकिन हमने लंबी लड़ाई लड़कर भाजपा सरकर की इस साज़िश को फेल कर दिया था.

समय रहते नहीं पूरी हुई ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रिया :कमलनाथ ने कहा कि अभी भी शिवराज सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत समय रहते ट्रिपल टेस्ट की प्रक्रियाओं को पूरा नही किया. आधी-अधूरी रिपोर्ट व ग़लत तरीक़े से आधे-अधूरे आँकड़े पेश किये और उसके बाद भी और समय मांगने पर सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी भी की थी कि आपने समय रहते जब कार्रवाई पूरी नहीं की तो अब आगे आप क्या करेंगे. उसके बाद आज यह फैसला आया है. कमलनाथ ने कहा कि यदि भाजपा की शिवराज सरकार मजबूती से न्यायालय में ओबीसी वर्ग का पक्ष रखती, मजबूती से ओबीसी वर्ग के आंकड़ों को रखती तो निश्चिततौर पर आज ओबीसी वर्ग को उनके बढ़े हुए आरक्षण का लाभ मिलता.

शिवराज सरकार गंभीर नहीं रही :कमलनाथ ने कहा कि शिवराज सरकार तो चाहती ही नहीं थी. इसलिए उसने इसको लेकर कोई गंभीर प्रयास नहीं किए लेकिन कांग्रेस आज भी दृढ़संकल्पित है कि ओबीसी वर्ग को बढ़े हुए आरक्षण का लाभ हर हाल में मिलना चाहिए. बगैर ओबीसी आरक्षण के मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव व नगरीय निकाय चुनाव नहीं होना चाहिये. पीसीसी चीफ कमलनाथ ने कहा कि इसको लेकर हम ओबीसी वर्ग के साथ हैं. हम चुप नहीं बैठेंगे. हम आज आये फ़ैसले का अध्ययन करेंगे. विधि विशेषज्ञों से चर्चा करेंगे. इसको लेकर हम सड़क से लेकर सदन तक लड़ाई लड़ेंगे.

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विवेक तन्खा बोले- मैं शुरू से ही शिवराज सरकार को आगाह कर रहा था :राज्यसभा सांसद और वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने कहा कि मैं शुरू से ही राज्य सरकार को आगाह कर रहा था पर सरकार इस दौरान मेरी बात सुनने की जगह मुझे गालियां दे रही थी. उनको बताया कि महाराष्ट्र राज्य में सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट आ चुका है और उसी निर्णय को मध्यप्रदेश में भी लागू किया जाएगा. ऐसी स्थिति भी बनी और इसके लिए राज्य सरकार ही जिम्मेदार है. मध्य प्रदेश में 15 साल से जो ओबीसी मुख्यमंत्री बैठे हुए हैं, उनसे 2010 से सुप्रीम कोर्ट बोल रही है कि ट्रिपल टेस्ट के माध्य्म से ही लिस्ट बनेगी पर राज्य सरकार विवेक तन्खा की बात मानने की जगह मेरा प्रोटेस्ट कर रही थी.

Last Updated : May 10, 2022, 2:22 PM IST

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