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वोटिंग से कुछ घंटे पहले बंद कमरे में कमलनाथ और दिग्विजय के बीच बातचीत, एक घंटे चली बैठक - Kamal Nath and Digvijay meeting before voting

कांग्रेस के दो बड़े लीडर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह अचानक प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचे. जहां बंद कमरे मे दोनों नेताओं के बीच 1 घंटे से ज्यादा बातचीत का दौर चला.

Kamal Nath and Digvijay meeting before voting PCC Office bhopal
कमलनाथ और दिग्विजय

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Published : Nov 2, 2020, 10:58 PM IST

भोपाल।मध्यप्रदेश में मंगलवार को 28 सीटों पर वोट डाले जाएंगे और इसके बाद फैसला हो जाएगा कि मध्य प्रदेश की सत्ता पर आने वाले 3 साल तक कौन काबिज रहेगा. वोटिंग से पहले कांग्रेस और बीजेपी के बड़े नेताओं के बीच बैठक का दौर जारी है. इसी क्रम में कांग्रेस के दो बड़े लीडर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिग्विजय सिंह अचानक प्रदेश कांग्रेस कार्यालय पहुंचे जहां बंद कमरे मे दोनों नेताओं के बीच 1 घंटे से ज्यादा बातचीत का दौर चला. बैठक मे संगठन प्रभारी चंद्रप्रभाष शेखर भी मौजूद रहे.

कमलनाथ और दिग्विजय के बीच हुई मंत्रणा

वोटिंग को लेकर बनाई गई रणनीति
बताया जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच मतदान को लेकर रणनीति बनाई गई है, क्योंकि कई जगह से यह शिकायतें आ रही थी कि प्रशासन बीजेपी के नेताओं की मदद कर रहा है. इससे कैसे निपटा जाए. इन्हीं सबको लेकर वोटिंग के 1 दिन पहले अचानक रात को बैठक की गई है. 2018 चुनाव के दरमियान भी कमलनाथ वोटिंग के पहले ऐसी बैठक कर चुके हैं.

पीसीसी कार्यालय में कमलनाथ और दिग्विजय बैठक

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इतिहास मे पहली बार 28 सीटों पर उपचुनाव
मध्य प्रदेश के इतिहास में पहली बार 230 सदस्यों वाली विधानसभा की 28 सीटों पर एक साथ उपचुनाव होने जा रहे हैं, जिसमें ग्वालियर पूर्व, ग्वालियर, डबरा, बमोरी, भांडेर,अशोकनगर,मुंगावली, मुरैना, सुमावली, जोरा, पोहरी, करेरा, दिमनी, अंबाह, गोहद,मेहगांव, इसके अलावा सुवासरा, बदनावर ,मांधाता,नेपानगर, सांवेर, हाटपीपलिया, सुरखी, सांची, बड़ा मलहरा, अनूपपुर, आगर सीट शामिल हैं.

पीसीसी कार्यालय में कमलनाथ और दिग्विजय बैठक
फिलहाल विधानसभा की स्थितिमध्यप्रदेश विधानसभा की कुल 230 सीटों में से वर्तमान में बीजेपी के पास 107 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास 87, चार निर्दलीय, दो बसपा, एक सपा का विधायक है. बाकी 29 सीटें रिक्त हैं. दमोह विधानसभा क्षेत्र को छोड़कर 28 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं. इन उपचुनाव के बाद सदन में विधायकों की संख्या 202 से बढ़कर 229 हो जाएगी.

ये है जादुई आंकड़े का गणित
चुनाव पूरे होने के बाद विधानसभा के सदस्यों की संख्या 229 हो जाएगी, उसके बाद प्रदेश की सत्ता में काबिज होने के लिए 115 सीटों की जरूरत होगी. इस हिसाब से बीजेपी को बहुमत के 115 के जादुई आंकड़े तक पहुंचने के लिए इस उपचुनाव में मात्र 8 सीटें जबकि कांग्रेस को पूरी 28 सीटें जीतनी होंगी. अब मंगलवार को जनता ही फैसला करेगी की वह किसको प्रदेश की सत्ता सौंपती है.

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