भोपाल। प्रदेश में होने वाले 28 विधानसभा चुनावों को लेकर सियासत का पारा लगातार बढ़ता जा रहा है. मतदान से पहले कांग्रेस विधायक राहुल लोधी अचानक कांग्रेस पार्टी छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए. लिहाजा उपचुनाव में कांग्रेस की मुश्किलें थमने का नाम नहीं ले रही है. वहीं पूर्व सीएम कमलनाथ ने द्वारा लगाए खरीद-फरोख्त के आरोपों पर बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने पलटवार किया है. कैलाश विजयवर्गीय ने कांग्रेस के चार और विधायक के संपर्क में होने का दावा किया है.
वहीं राहुल सिंह लौधी के पार्टी छोड़ने के बाद से ही कमलनाथ ने सोमवार को सुबह ही मीडिया से बातचीत करते हुए आरोप लगाया था कि कांग्रेस के विधायकों को बीजेपी पैसे के बल पर अपनी पार्टी में शामिल कर रही है, उपचुनाव में मिल रही संभावित हार को देखते हुए बीजेपी अभी भी विधायकों की खरीद-फरोख्त में लगी हुई है, पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के इन आरोपों के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने जमकर पलटवार किया है उन्होंने कहा है कि कांग्रेस के अभी भी चार विधायक बीजेपी के संपर्क में है, कांग्रेस के नेताओं और कार्यकर्ताओं का प्रदेश नेतृत्व पर विश्वास अब पहले की तरह नहीं रहा है जिसकी वजह से अब कार्यकर्ता और नेता कांग्रेस पार्टी को छोड़ रहे हैं.
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कांग्रेस के चार विधायक संपर्क में
कैलाश विजयवर्गीय का कहना है कि कांग्रेस के विधायकों को संभालने का जिम्मा उनका खुद का है. क्योंकि बहुत से ऐसे विधायक हैं, जो बीजेपी के संपर्क में हैं. लेकिन यह तो कांग्रेस का काम है कि वे अपने विधायकों को कैसे रोकते हैं. विजयवर्गीय ने कहा कि कांग्रेस अपना घर संभाल नहीं पा रही है. उल्टा बीजेपी पर झूठे आरोप लगा रही है. उन्होंने कहा कि वे आज भी कहते हैं कि उनके पास कांग्रेस के चार विधायक संपर्क में हैं. जो बीजेपी में आना चाहते हैं. लेकिन यह सब रोकना कांग्रेस का काम है.
कमलनाथ के पास हैं सबूत तो सार्वजनिक करें
राष्ट्रीय महासचिव ने कहा कि कमलनाथ को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है.वहीं पैसे के लेनदेन को लेकर कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि अगर खरीद-फरोख्त के किसी भी तरह के प्रमाण कमनलाथ के पास मौजूद है. तो उन्हें सामने लाना चाहिए. अगर सबूत नहीं है तो इस तरह की अनर्गल बात करना ठीक नहीं है. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के विधायकों का पार्टी के प्रदेश नेतृत्व पर विश्वास नहीं रहा है. क्योंकि केंद्र का नेतृत्व भी संभाल रहे नेता उटपटांग बयानबाजी कर रहे हैं.
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