भोपाल। लंबे समय से अपनी मांगों पर बैठे जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन की चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग से बातचीत हुई थी. जिसके बाद मंत्री ने आश्वासन दिया है की सभी मांगों को मान लिया जाएगा. आश्वासन के बाद जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन ने हड़ताल पर जानें फैसला रद्द कर दिया है.
'जूड़ा की हड़ताल' पर जाने का फैसला रद्द - मीटिंग के बाद बदले सभी फैसले
मीटिंग में विभिन्न मांगों के संबध में विस्तृत चर्चा करने के बाद यह तय किया है कि जूनियर डॉक्टर्स की मांगों के बारे में मध्यप्रदेश के समस्त चिकित्सा महाविद्यालयों के अधिष्ठाता प्रस्ताव तैयार कर राज्य शासन को भेजा जाएगा. शासन विभिन्न पहलुओं को ध्यान में रखते हुए जूनियर डॉक्टर्स के संबध में यथोचित सकारात्मक निर्णय करेगा.
डॉक्टर्स-जूनियर डॉक्टर्स को पहले लगे वैक्सीन, जूडा की मांग
- इन मांगों पर सरकार ने मानी बात
- मेडिकल कॉलेज से संबद्ध अस्पतालों में पूर्व गंभीर मरीजों का ही इलाज किया जाए. जिससे छात्रों की पढ़ाई प्रभावित ना हो
- जूनियर डॉक्टरों ने एक साल में अपनी सारी परेशानियां भूल गरीबों की सेवा की है, इस लिहाज से पिछले साल का कॉलेज शुल्क माफ किया जाए
- जूनियर डॉक्टरों का मानदेय पिछले 3 साल में नहीं बढ़ा है, जबकि मुख्यमंत्री शिवराज ने हर साल 6 प्रतिशत बढ़ाने की बात कही थी. 3 साल का मिलाकर 18 फीसदी मानदेय बढ़ाया जाए
- कोरोनाकाल के इलाज में डॉक्टरों को सरकार ने 10 हजार अतिरिक्त प्रोत्साहन राशि देने की बात कही थी. 1 साल बाद भी राशि नहीं मिली है. जूनियर डॉक्टरों को ऐसा प्रमाण पत्र दिया जाए जिससे भविष्य में जब भी वह किसी विभाग में सेवा के लिए आवेदन करें तो उन्हें 10 नंबर अतिरिक्त मिले