भोपाल। आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश की दिशा में कदम बढ़ा रही मध्य प्रदेश सरकार के सहकारिता विभाग ने राज्य सहकारी बोर्ड बनाने की पहल की है. बोर्ड के माध्यम से प्रदेश में रोजगार के अवसर तलाशे जाएंगे. यह बोर्ड उन क्षेत्रों पर फोकस करेगा जहां निजी क्षेत्रों का दखल कम है. साथ ही रोजगार की ज्यादा संभावना है. इसके लिए राज्य सहकारी बोर्ड सहकारी क्षेत्र के विशेषज्ञों की भी मदद लेगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान जल्द ही इसको लेकर निर्णय लेंगे।
सहकारी क्षेत्र में रोजगार पैदा करने की कोशिश
मध्य प्रदेश में सहकारिता क्षेत्र को मजबूत बनाने की सरकार कोशिशों में जुटी है. मौजूदा वक्त में सहकारी संस्थाएं सार्वजनिक वितरण प्रणाली का राशन बांटने, समर्थन मूल्य पर खाद्यान्न खरीदने, किसानों को अल्पावधि कृषि ऋण, खाद- बीज देने का काम करती है. सहकारिता विभाग की ओर से गठित किए जा रहे राज्य सहकारी बोर्ड के माध्यम से रोजगार के क्षेत्र में अवसर तलाशे जाएंगे. प्रदेश में सार्वजनिक वितरण प्रणाली की दुकान की संख्या 25 हजार से ज्यादा है. विभाग इन दुकानों को और मजबूत करने जा रही है, ताकि लोगों को आसानी से सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सके. सहकारिता मंत्री अरविंद भदौरिया ने सहकारी विकास बोर्ड गठित करने का प्रस्ताव तैयार किया है. प्रशासनिक स्तर पर इस को सैद्धांतिक स्वीकृति मिल चुकी है. जल्दी ही इस पर मुख्यमंत्री निर्णय लेंगे.