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MP में देवदूत बने जवान, दिन रात चल रहा बचाव कार्य, 11 हजार से ज्यादा लोगों को बचाया - baad in mp

मध्य प्रदेश में बाढ़ग्रस्त इलाकों में युद्ध स्तर पर बचाव कार्य जारी है. प्रदेश के शिवपुरी, दतिया, श्योपुर, भिंड और मुरैना सबसे ज्यादा बाढ़ से प्रभावित हुआ है. यहां बाढ़ में फंसे 11 हजार से ज्यादा लोगों का रेस्क्यू किया गया है.

MP में देवदूत बने जवान, दिन रात चल रहा बचाव कार्य,
MP में देवदूत बने जवान, दिन रात चल रहा बचाव कार्य,

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Published : Aug 5, 2021, 10:29 PM IST

Updated : Aug 6, 2021, 8:19 AM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल इलाके में बाढ़ में घिरी जिंदगियों को बचाने के लिए सेना, एसडीआरएफ सहित दूसरी एजेंसियों का ज्वॉइंट ऑपरेशन चल रहा है. प्रदेश के पांच जिलों के करीब 500 गांवों की करीब 50 हजार की आबादी बाढ़ से प्रभावित हुई है. अभी तक इन जिलों में बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से 30 हजार 700 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित निकाला गया है. इनमें से 11 हजार लोगों को रेस्क्यू किया गया है.

कौन-कौन रेस्क्यू में जुटा

लोगों को बचाने झोंकी पूरी ताकत

बाढ़ के पानी में घिरे लोगों को सुरक्षित बाहर निकालने के लिए दिन रात रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है. रेस्क्यू ऑपरेशन में एसडीआरएफ, एनडीआरएफ के अलावा सेना भी जुटी हुई है. इसमें एसडीआरएफ होमगार्ड की 34 टीमें, एनडीआरएफ की 9 कंपनियां, सेना के 6 काॅलम (एक काॅलम में 80 जवान), एयरफोर्स के 6 हेलीकाॅप्टर, और बाढ़ग्रस्त इलाकों का पुलिस दल रेस्क्यू में लगा हुआ है.

शिवपुरी में बाढ़ की स्थिति

होमगार्ड के जवान को दी जाएगी प्रतिनियुक्ति

प्रदेश में बाढ़ की स्थिति और आपदा प्रबंधन को लेकर राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि 2524 होमगार्ड के जवानों को आपदा प्रबंधन में प्रतिनियुक्ति दी जाएगी. वहीं सिंहस्थ में लगे जवानों को भी प्रतिनियुक्ति में शामिल किया गया है. गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा ने बताया कि ग्वालियर चंबल इलाके में 11 हजार लोगों को विभिन्न टीमों द्वारा रेस्क्यू किया गया है. शिवपुरी में चंबल नदी खतरे के निशान से 2 मीटर ऊपर बह रही है. मुरैना में 6 मीटर और भिंड में 4 मीटर खतरे के निशान से चंबल नदी बह रही है. पांच जिलों के करीब 500 गांव बाढ़ से प्रभावित हुए हैं.

श्योपुर में बाढ़ की स्थिति

बाढ़ से 55 हजार जनसंख्या हुई प्रभावित

मध्य प्रदेश के ग्वालियर चंबल इलाके में बाढ़ से जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हुआ है. क्षेत्र में चंबल और सिंध नदी का पानी अभी भी खतरे के निशान के ऊपर बना हुआ है. बाढ़ से इन क्षेत्र की 55 हजार से ज्यादा जनसंख्या प्रभावित हुई है. बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से अभी तक 30 हजार 790 लोगों को बाहर निकाला गया है. लोगों को ठहरने के लिए 126 राहत कैंप बनाए गए हैं, जिसमें 16 हजार 68 लोगों को ठहराया गया है.

मुरैना में बाढ़ की स्थिति

किस जिले में कैसे हैं हालात ?

श्योपुर में बाढ़ से 55 गांव प्रभावित है, यहां 8 हजार लोगों का रेस्क्यू किया गया है. यहां राहत कैंप में 1500 लोगों को ठहराया गया है. इधर भिंड में बाढ़ से 25 प्रभावित है. यहां करीब 10194 लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. भिंड में अभी तक 1100 लोगों का रेस्क्यू किया गया है. राहत कैंप में 800 लोगों को रुकवाया गया है.

दतिया में बाढ़ की स्थिति

इधर मुरैना में बाढ़ से 68 गांव के 13574 लोग प्रभावित है. मुरैना में 6596 लोगों का रेस्क्यू किया गया है. मुरैना में 4596 लोगों को राहत कैंपों में रुकवाया गया है.

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इधर शिवपुरी में बाढ़ से सबसे ज्यादा 309 गांव प्रभावित है. इन गांवों में रहने वाले 16660 प्रभावित हुए हैं. शिवपुरी में 2075 लोगों का रेस्क्यू किया गया है. यहां राहत कैंपों में 1600 लोगों को राहत कैंपों मे रुकवाया गया है. इधर दतिया में बाढ़ से 36 गांव प्रभावित हुए हैं.

भिंड में बाढ़ की स्थिति

इन गांवों में रहने वाले 8496 लोग प्रभावित हुए हैं. दतिया में बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों से 12744 लोगों का रेस्क्यू किया गया है. यहां 4495 लोगों को राहत कैंपों में रुकवाया गया है.

Last Updated : Aug 6, 2021, 8:19 AM IST

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