Japan Bhopal Connection जापान के चित्रकार योची यामागाटा की ख्वाहिश, ब्लड कैंसर से जीत गया तो फिर लौटूंगा भोपाल - जापान के चित्रकार योची यामागाटा
ब्लड कैंसर से जूझ रहे जापान के चित्रकार योची यामागाटा को अगर जिंदगी कुछ महीनों की मोहलत और दे तो इस चित्रकार की पहली ख्वाहिश है कि भारत की फेरी लगाए और सीधे भोपाल की गलियों में पहुंच जाए. भोपाल की उन तंग बस्तियों में जिनके चेहरों को उन्होने किसी सेलिब्रिटी की तरह अपने कैनवास पर उतारा था. योची ने तलाशा झीलों के पार का वो भोपाल, जिसमें गरीबी के नीचे रहने वाले मुफलिसी में भी मुस्कुराते चेहरे हैं. जो ठहाके लगाते हैं. हर हाल में जीए जाते हैं. Japanese painter Yochi Yamagata, Yochi struggle blood cancer, Yochi aspires return Bhopal, Japan india bhopal love
![Japan Bhopal Connection जापान के चित्रकार योची यामागाटा की ख्वाहिश, ब्लड कैंसर से जीत गया तो फिर लौटूंगा भोपाल Japanese painter Yochi Yamagata](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/768-512-16153858-512-16153858-1661001248568.jpg)
भोपाल। साल 2005 में योची जापानी इंटरनेशनल कॉपोर्रेशन एंजेसी की तरफ से प्रोजेक्ट मैनेजर, रिप्रोडेक्टिव हैल्थ की जिम्मेदारी के साथ भोपाल आए थे. योची यामागाटा वो शख्स हैं जिनके दिल में बसता है भोपाल. यही वजह थी कि जब जापान का ये प्रोजेक्ट पूरा हो गया. उसके बाद भी योची भोपाल को नहीं भूल पाए. शेड्यूल ये बनाया कि साल के छह महीने योची भारत में बिताते. दिल की आवाज़ पर भोपाल आते. शहर की तंग गलियों में उन चेहरों को अपने कैनवास पर उतारते अपना दिन बिताते. जिन्हें पलटकर भी नहीं देखता कोई. अच्छी खासी हिंदी बोलने वाले योची बताते हैं भोपाल में जब निकलता था तो पता नहीं होता था कि कहां वो चेहरा मिल जाएगा, विच आई एम लुकिंग फॉर माय स्केच. लेकिन गांव देहात और बस्तियों की मुश्किल जिंदगियों को ही क्यों चुना आपने अपने स्कैच के लिए? योची कहते हैं, क्योंकि इन जिंदगियों में ही रंग हैं, यहीं तहजीब है और यही लोग हैं जो ट्रेडीशन के करीब हैं. यहां हिंदुस्तान अपने पूरे रंग में दिखाई देता हैं.