भोपाल।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बुधवार को दूसरे पद्म अलंकरण समारोह में वर्ष 2023 के लिए तीन पद्म विभूषण, पांच पद्म भूषण और 47 पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किए. राष्ट्रपति भवन के दरबार हॉल में आयोजित दूसरे अलंकरण समारोह में ये पुरस्कार प्रदान किए गए. मध्यप्रदेश की चिकित्सा और कला के क्षेत्र की तीन हस्तियों को पद्मश्री से सम्मानित किया गया. चिकित्सा के क्षेत्र में डॉ मुनीश्वर चंदर डावर और कला के क्षेत्र में रमेश परमार व शांति परमार को संयुक्त रुप से ये पुरस्कार प्रदान किया गया.
20 रुपए की फीस पर इलाज करते हैं पद्मश्री डॉ डावर: एमपी के जबलपुर के रहने वाले डॉ मुनीश्वर चंदर डावर पिछले 50 वर्षों से चिकित्सा सेवा के क्षेत्र में हैं. वाकई डॉ मुनीश्वर के लिए चिकित्सा सेवा ही है. 1972 में केवल दो रुपए की फीस लेकर लोगों का इलाज करने वाले डॉक्टर डावर नवम्बर 2023 में भी केवल बीस रुपए की फीस में लोगों का इलाज करते रहे. डॉ डावर भारत पाकिस्तान के 1971 के युद्ध में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. सेना में रहते हुए पूर्वी स्टार मेडल, संग्राम मेडल भारतीय स्वंतंत्रता के 25 वर्ष पूरे होने पर मेडल प्राप्त कर चुके डॉक्टर साहब कई पुरस्कारों से सम्मानित हुए हैं.
जनजातीय परंपरा को सहेजे हुए हैं रमेश-शांति परमार: कला के क्षेत्र में मध्यप्रदेश के झाबुआ में रहने वाले रमेश और शांति परमार को संयुक्त रुप से पद्मश्री पुरस्कार प्रदान किया गया. हस्तशिल्प कलाकार रमेश परमार बीते 30 वर्ष से जनजातीय गुड़िया बनाते हैं. जिसे पारंपरिक जनजातीय पोशाक से तैयार करते हैं. इसी तरह से जनजातीय खिलौनों का निर्माण करते हैं. देश भर के विभिन्न हस्तशिल्प मेलों में इन खिलौनों और जनजातीय गुड़िया के जरिए रमेश और उनकी पत्नि शांति परमार जनजातीय कला संस्कृति और परंपरा को घर-घर तक पहुंचाने का प्रयास कर रहे हैं. पद्मश्री से सम्मानित इस युगल ने अब तक 100 से ज्यादा राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय मेलों में भाग लिया है. कई अंतर्राष्ट्रीय मेलों में भी शिरकत कर चुके हैं.
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