भोपाल। प्रदेश में कोरोना वायरस के नियंत्रण के लिए एक टेक्निकल एडवाइजरी कमेटी बनाई गई है. हाल ही में इस कमेटी ने कोरोना संक्रमण के इलाज और मरीजों के डाउन ट्रांसफर को लेकर नई अनुशंसाएं जारी की हैं, जिसके आधार पर स्वास्थ्य विभाग ने भी नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं.
क्या हैं दिशा-निर्देश
- डाउन ट्रांसफर-स्वास्थ विभाग ने डाउन ट्रांसफर को लेकर एक बार फिर नए दिशा-निर्देश जारी किए हैं, जिसके मुताबिक अब किसी भी मरीज को होम आइसोलेशन में शिफ्ट करने से पहले टीम यह सुनिश्चित करेगी कि मरीज के घर में पूरी व्यवस्था है या नहीं. किसी भी संक्रमित को कोविड सेंटर से होम आइसोलेशन में तब ही शिफ्ट किया जाएगा. जब मरीज को बुखार की दवा न दिए जाने के तीन दिन बाद भी बुखार ना आया हो. इसके अलावा सांस लेने में दिक्कत न हो, बिना ऑक्सीजन दिए चार दिन बाद भी ऑक्सीजन सैचुरेशन 95 फीसदी हो और सभी मेडिकल पैरामीटर सामान्य हो. इसके अलावा जब मरीज होम आइसोलेशन में हो तो 10 दिन तक उसकी कड़ी निगरानी की जाएगी और संक्रमण से कोई भी परेशानी हो तो उसे तुरंत इलाज उपलब्ध करवाया जाए.
- होम आइसोलेशन-अगर कोई संक्रमित शुरू से ही होम आइसोलेशन में है तो मरीज अपने लक्षणों पर लगातार ध्यान दें और अगर तीन दिन तक उसे बुखार बना रहे तो डेडिकेटेड कोविड सेंटर में भर्ती किया जाए. इसके अलावा यदि मरीज चाहे तो उसका CBC, RBC, कैराटाइन और CRP टेस्ट भी किया जा सकता है.
- संक्रमित बच्चों का इलाज- कोरोना संक्रमित कुछ बच्चों में मल्टी सिस्टम इन्फ्लामेट्री सिंड्रोम जैसी स्थिति देखने को मिल रही है. ऐसे संक्रमित बच्चों की जांच डॉक्टर के परामर्श कोविड IgG और कोविड IgM की जांच डेडिकेटेड कोविड सेंटर और आउटसोर्स कंपनी से करवाई जा सकती है.
- जिलों में इलेक्टिव सर्जरी- कोरोना वायरस के कारण जिला अस्पतालों में इलेक्टिव सर्जरी नहीं की जा रही थी, जिसे अब फिर से शुरू करने की अनुमति दे दी गई है, लेकिन किसी भी सर्जरी से पहले मरीज की कोरोना वायरस की जांच RTPCR टेस्ट से करवाई जाए.