भोपाल| इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय के इंडोर म्यूजियम निर्माण में घोटाला करने वाले तत्कालीन एग्जीक्यूटिव इंजीनियर दिनेश नारायण अग्रवाल, चीफ इंजीनियर गोविंद मूलचंद कृपलानी और ठेकेदार दयाल एम डेटानी को लोकायुक्त की विशेष अदालतन ने दोषी करार देते हुए 4 साल की सजा सुनाई है. इसके अलावा आरोपियों पर 17 लाख का जुर्माना भी लगाया गया है.
राष्ट्रीय मानव संग्रहालय घोटाले में लोकायुक्त विशेष अदालत का फैसला, 22 साल बाद दोषी सिद्ध हुए आरोपी - bhopal museum scam
इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय के इंडोर म्यूजियम निर्माण में घोटाला करने वाले आरोपियों को 22 साल बाद लोकायुक्त विशेष अदालत ने दोषी करार दिया है. कोर्ट ने आरोपियों को 4 साल की सजा के साथ 17 लाख का जुर्माना लगाया.
मामला 1994 से 1996 के बीच का है. जिसमें इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय के इंडोर म्यूजियम के निर्माण का कार्य राजधानी परियोजना प्रशासन को दिया गया था. जिसमें इंजीनियर दिनेश नारायण अग्रवाल और गोविंद मूलचंद कृपलानी ने ठेकेदार के साथ मिलकर सरकार को डेढ़ करोड़ का चूना लगाया था. म्यूजियम निर्माण के लिए 5 करोड़ 41 लाख 97 हजार 320 रुपए का बजट निर्धारित किया था. जबकि दोनों इंजीनियरों ने ठेकेदार से सांठ-गांठ कर प्रशासन से 1 करोड़ 42 लाख का अधिक भुगतान करा लिया था.
आरोपियों पर लोकायुक्त की कार्रवाई की गई. जिसके बाद से ही मामला न्यायालय में पहुंचा और 22 साल बाद सभी आरोपियों को लोकायुक्त ने दोषी करार करते हुए 4 साल की सजा के साथ 17 लाख का जुर्माना लगाने का फैसला दिया है.