भोपाल।मध्यप्रदेश स्वास्थ्य सुविधाओं की दृष्टि से ऐसे प्रदेशों में आता है, जहां बहुत सी खामियां अब भी देखी जाती है. अगर बात गर्भवती महिलाओं और नवजात शिशुओं के स्वास्थ्य की करें, तो प्रदेश में मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर में काफी इजाफा हुआ है. जिसे देखते हुए मध्यप्रदेश में देश का पहला एकीकृत कमांड कंट्रोल रूम बनाया जा रहा है, जिससे हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं को विशेष लाभ और सुविधाएं मिलेंगी.
प्रदेश में ऊंचे मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर को लेकर राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालिका छवि भारद्वाज का कहना है कि प्रदेश की करीब 70 प्रतिशत महिलाएं एनीमिया से ग्रसित हैं. ये एनीमिक महिलाएं गर्भावस्था में जाती है, तो उनमें बहुत तरह के रिस्क फैक्टर होते है, जिसके कारण उनकी और बच्चे की जान को खतरा होता है.
हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं का हो सही इलाज
प्रदेश में IMR और MMR के जो रेट्स है वो काफी हाई हैं, जिसे कम करने के लिए बहुत जरूरी है कि प्रत्येक गर्भवती महिला को शुरुआत से ही हाई रिस्क में चिन्हित कर उन्हें सही इलाज दें. कई सारी हाइपर टेंशन महिलाएं होती हैं, अगर उन्हें सही समय पर सही उपचार दें तो उनके सुरक्षित प्रसव की स्थिति सुनिश्चित कर सकते हैं.
एकीकृत कमांड कंट्रोल रूम की स्थापना
एनीमिक गर्भवती महिलाओं के लिए प्रदेश में एकीकृत कमांड कंट्रोल रूम बनाया जाएगा. जिसके संबंध में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन की संचालक छवि भारद्वाज का कहना है कि एकीकृत कमांड कंट्रोल रूम बनाने का उद्देश्य मातृ मृत्यु दर और शिशु मृत्यु दर को कम करना, समय रहते हाई रिस्क महिलाओं की पहचान कर उनका समयबद्ध तरीके से प्रबंधन करना, समस्याओं का निराकरण करना है. इन सभी प्रक्रिया को सुरक्षित मातृत्व आश्वासन प्रोग्राम 'सुमन' नाम दिया गया है.
ऐसा होगा एकीकृत कमांड कंट्रोल रूम
एकीकृत कमांड कंट्रोल रूम में 15 शीटर कॉल सेंटर होगा, जहां रिप्रोडक्टिव चाइल्ड हेल्थ पोर्टल में प्रदेश की सभी गर्भवती महिलाओं का रजिस्ट्रेशन किया जाएगा. साथ ही उनकी जांच की जानकारी दी जाएगी. इसकी सहायता से डॉक्टर चिन्हित कर पाएंगे कि किस जिले में, किस ब्लॉक में कितनी हाई रिस्क महिलाएं हैं. इस कॉल सेंटर से उन महिलाओं को कॉल किया जाएगा और समय-समय पर उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली जाएगी.
हाई रिस्क गर्भवती महिलाओं का विशेष ध्यान