आज विशाखापत्तनम के नौसेना डॉकयार्ड में निर्देशित-मिसाइल विध्वंसक 'INS-राजपूत' को सेवामुक्त किया जाएगा. INS-राजपूत, भारतीय नौसेना के प्रारंभिक विध्वंसक पोतों में से एक है. यहा एक निर्देशित-मिसाइल विध्वंसक है और भारतीय नौसेना के राजपूत श्रेणी के विध्वंसक बेड़े का प्रमुख पोत है. यह 4 मई 1980 को कमीशन की गई थी. कमोडोर (बाद में वाइस एडमिरल) गुलाब मोहनलाल हीरानंदानी इसके पहले कमांडिंग ऑफिसर थे. राजपूत वर्ग का डिजाइन सोवियत संघ के काशीन वर्ग के युद्धपोतों से लिया गया था.
INS-राजपूत ने ब्रह्मोस क्रूज मिसाइल के लिए एक परीक्षण मंच के रूप में भी कार्य किया. दो पी-20 एम ने एकल लांचर (पोर्ट और स्टारबोर्ड) को दो बॉक्सिंग लांचरों से बदल दिया था, प्रत्येक में दो ब्रह्मोस सेल थे. पृथ्वी-३ मिसाइल के एक नए संस्करण का मार्च 2007 में INS-राजपूत से परीक्षण किया गया था. यह भूमि के लक्ष्यों पर हमला करने के साथ टास्कफोर्स या वाहक एस्कॉर्ट के रूप में एन्टी-विमान और एंटी-पनडुब्बी मिसाइल लॉन्च करने में सक्षम है. INS-राजपूत ने 2005 में एक सफल परीक्षण के दौरान धनुष बैलिस्टिक मिसाइल को भी ट्रैक किया था.