भोपाल। वन स्टाफ सेंटर में पहुंचने वाली हिंसा प्रभावित महिला को मेडिकल मदद उपलब्ध कराने के मद्देनजर अब पैरा मेडिकल स्टॉफ 24 घंटे तैनात रहेगा. इस स्टाफ में प्रशिक्षित नर्स, एएनएम, एमबीबीएस, बीएएमएस, बीएचएमएस, यूनानी डॉक्टर्स को शिफ्ट के आधार पर चौबीस घंटे सेवाएं देनी होंगी. भारत सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के मुताबिक वन स्टॉप सेंटर पर चिकित्सा सुविधा उपलब्ध कराने के निर्देश सभी जिलों के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी के साथ ही सिविल सर्जन को जारी किया गया है.
रोस्टर के हिसाब से ड्यूटी
वन स्टॉप सेंटर पर पैरा-मडिकल स्टॉफ की रोस्टर के आधार पर ड्यूटी लगाई जाएगी. हिंसा प्रभावित महिला या बालिका के सेंटर पहुंचने पर जीवन-रक्षक दवाइयां और प्राथमिकता चिकित्सा देकर अपने साथ अस्पताल लेकर जाने की जिम्मेदारी पैरा-मेडिकल स्टाफ की होगी. उनके द्वारा लैंगिक उत्पीड़न संबंधी मामलों में लोक स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा जारी प्रोटोकॉल के मुताबिक मेडिकल-लीगल एवं फोरेसिंक जांच और अन्य टेस्ट करवाया जाएगा.
MOFH का प्रोटोकॉल जरूरी
जिला स्तर पर MOFH द्वारा जारी प्रोटोकॉल को स्थानीय भाषा में अनुवादित कर पैरा-मेडिकल स्टाफ, स्वास्थ्य कर्मियों, वन स्टॉप सेंटर एवं प्रशासकीय अधिकारियों को उपलब्ध कराया जाएगा. प्रोटोकॉल निर्देशों को कैलेंडर के रूप में विकसित कर वन स्टॉप सेंटर और सर्वे संबंधितों को प्रदाय किया जाना अनिवार्य होगा. इसके अलावा राज्य में संचालित सरकारी और निजी अस्पताल, डॉक्टर्स के पूरे पते, निजी क्लीनिक और सरकारी एम्बुलेंस, सरकारी और निजी ब्लड बैंक की फोन डायरेक्ट्री भी तैयार कर वन स्टॉप सेंटर और संबंधितों को उपलब्ध कराया जाएगा. इसके साथ ही स्टाफ के लिए ट्रेनिंग और जागरुकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाएंगे.