भोपाल। दुनिया के चिकित्सा क्षेत्र के लिए ये बड़ी उपलब्धि है. भारत के लिए फक्र करने का मौका कि दुनिया को मेडिकल क्षेत्र की बड़ी सौगात एक भारतवंशी ने दी है. अमेरिका में रहने वाले भारतवंशी डॉक्टर ओम ढींगरा ने पुरुष हार्मोन्स टेस्टोस्टेरोन की दवा को कैप्सूल रुप में बदला है. इसके पहले ये दवा केवल इंजेक्शन के जरिए ही दी जा सकती थी. जिसमें काफी दिक्कतें पेश आती थी. ये दुनिया में पहली बार हुआ है किसी डॉक्टर ने टेस्टोस्टोरोन को कैप्सूल में दिए जाने की दवा खोज ली है. डॉ ढींगरा के अमेरिका में बस जाने के बाद भी भारत से गहरा जुड़ाव है. एमपी के सीहोर जिले में ढींगरा फैमिली फाउंडेशन के जरिए बच्चियों को निशुल्क शिक्षा दी जाती है. ईटीवी भारत को अमेरिका से भेजे गए संदेश में डॉ ओम ढींगरा ने कहा कि टेस्टोस्टेरोन के इंजेक्शन से होने वाले दुष्प्रभावों को रोकने मैंने कैप्सूल बनाया है.
टेस्टोस्टेरोन कैप्सूल दवा की दुनिया में नई क्रांति:लंबे समय से दवाईयों की खोज में लगे रहने वाले डॉ ओम ढींगरा की ये अब तक की सबसे बड़ी खोज है. बीमारियों को रोकने के लिए रिसर्च कर रहे ओम ढींगरा की इस कैप्सूल में लंबी अनथक मेहनत थी. 2008 तक एक प्रतिष्ठित दवा कंपनी से जुड़े रहे ओम ढींगरा ने 2009 में अपनी वर्चुअल कंपनी एसओवी थेराप्यूटिक्स की नींव रखी. अब जो दवा बनाई है, इसके जानवरों पर टेस्ट करने के बाद कई दौर में मनुष्यों पर क्लीनिकल ट्रायल किए. डॉ. ढींगरा विश्व में पहले ऐसे वैज्ञानिक हैं, जिन्होंने अकेले बिना किसी कर्मचारी के घर के ऑफिस से ही कंपनी चला कर सारा काम कांट्रैक्ट पर करवाया और इस दवा का अविष्कार किया. 2017 में मैरियस फार्मास्यूटिकल कंपनी के सह-संस्थापक और कंपनी के सीईओ के रूप में उन्होंने इस दवा का मनुष्यों पर आखिरी ट्रायल किया था.
अमरीका के बाजार में उपलब्ध है दवा: अमेरिका के फूड और ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन ने नई दवा, काइजेट्रैक्स को इसी साल जुलाई महीने से बेचने की मंज़ूरी दे दी. दवाई अब अमेरिका के बाजार में उपलब्ध है. भविष्य में यह दवा अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी उपलब्ध होगी. अब डॉ. ओम ढींगरा ने अपनी रिसर्च बीमारियों को रोकने की ओर मोड़ ली है.