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प्रेम-प्रसंग के बाद दो पक्षों में विवाद, 13 से अधिक झोपड़ियों में लगाई आग

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Published : May 1, 2021, 11:07 AM IST

बैरसिया तहसील के अजबपुरा गांव में प्रेम-प्रसंग के मामले में दो पक्षों में विवाद हो गया. एक पक्ष ने दूसरे पक्ष के घरों में आग लगा दिया. घटना की जानकारी मिलते ही जिला कलेक्टर ने एसडीएम को मामले की जांच करने का आदेश दिए हैं.

SDM distributing relief material in berasia
राहत सामग्री का वितरण करते एसडीएम

भोपाल। तहसील बैरसिया के अजबपुरा गांव में प्रेम-प्रसंग का मामला सामने आया है. मामला तब तुल पकड़ा जब इसमें विवाद हो गया. विवाद में मंगलवार रात को गुर्जर समाज के लगभग 20 से ज्यादा लोगों ने सपेरा समाज के झोपड़ियों में आग लगा दी, जिससे उनकी करीब 13 झोपड़ियां जलकर खाक हो गईं. घटना की जानकारी मिलते ही भोपाल कलेक्टर अविनाश लवानिया ने एसडीएम बैरसिया को घटनास्थल पर पहुंचने का आदेश दिया.

जिला कलेक्टर के निर्देश पर घटनास्थल पर पहुंचे एसडीएम

कलेक्टर के निर्देश पर शुक्रवार को एसडीएम बैरसिया राजीव नंदन श्रीवास्तव घटनास्थल पर पहुंचे. वे अपनी पूरी टीम के साथ थे. टीम में बैरसिया के तहसीलदार राजेन्द्र पवार, एडीओपी केके वर्मा और अन्य स्टाफ थे. एसडीएम ने घटनास्थल पर पहुंचकर सपेरा समाज के जले झोपड़ियों का जायजा लिया और उनको मुआवजा राशि दी.

पीड़ितों को एसडीएम ने दिया 45-45 हजार का मुआवजा

बैरसिया के अजबपुरा गांव में कलेक्टर के आदेश पर एसडीएम राजीव नंदन श्रीवास्तव अपनी पूरी टीम के साथ घटनास्थल पर पहुंचे. वहां उन्होंने पीड़ितों से मिलकर राहत सामग्री देने की बात कही. उन्होंने पीड़ितों को मकान बनाने के लिए लकड़ी की बल्लियां और भोजन के लिए खाद्य सामग्री दी. बता दें कि पीड़ितों में से कुछ के प्रधानमंत्री आवास योजना के पक्के मकान थे, जिनका नुकसान कम हुआ. वहीं जिनके पास सिर्फ कच्चे मकान थे, वह जल गए. एसडीएम ने उनके रहने के लिए तत्काल व्यवस्था कराया. उन्होंने पीड़ितों को मकान बनने तक गांव के सरकारी स्कूल में ही रहने की व्यवस्था करवाई. इसके अलावा एसडीएम ने उन्हें मकान बनाने के लिए 45- 45 हजार की राशि भी स्वीकृत की.

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पीड़ितों के लिए एसएएफ की टीम की तैनात

बैरसिया के अजबपुरा गांव में प्रशासन की टीम घटनास्थल पर पहुंचकर पीड़ितों को राशन सामग्री उपलब्ध कराई. इसके अलावा एसडीएम ने पीड़ितो को मकान बनाने के लिए 45- 45 हजार की राशि भी स्वीकृत की. उन्होंने पीड़ितों की सूरक्षा के लिए व्यवस्था की. भविष्य में उनके साथ किसी भी प्रकार का कोई घटना ना हो, उसके लिए पुलिस ने घटनास्थल पर एसएएफ की एक टीम को तैनात कर दी है.

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