भोपाल।ग्रीष्मकाल में संभाग में सभी लोगों को पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित कराने और वर्षा ऋतु में जलभराव की स्थिति ना उत्पन्न होने देने के लिए आगामी तैयारी के मद्देनजर कमिश्नर कविंद्र कियावत ने नगर निगम और जल संसाधन विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की है. इस दौरान उन्होंने आगामी तैयारियों की रूपरेखा तैयार करने के निर्देश दिए हैं.
वर्षा ऋतु के पहले शहर का ड्रेनेज सिस्टम दुरुस्त करने के लिए कमिश्नर ने अधिकारियों के साथ की बैठक दरअसल, संभागायुक्त ने निर्देश दिए हैं कि सभी जिलों में ग्रामीण क्षेत्रों में पेयजल आपूर्ति व्यवस्था दुरुस्ती के लिए अनुभागीय अधिकारी, सीएमओ और जल संसाधन के अधिकारी टीम बनाकर क्षेत्र का भ्रमण करें. दूरस्थ क्षेत्रों में पेयजल की समस्या दूर करने के लिए क्षेत्र विशेष योजना बनाएं. ग्राम पंचायत स्तर पर बंद पड़ी नल जल योजना, हैंडपंप और मोटर पंप को सुधारें. पेयजल की समस्या वाले हॉटस्पॉट को चिन्हित कर जिला स्तर पर इसकी समीक्षा करें और त्वरित गति से उनके निराकरण के निर्देश दिए हैं.
भोपाल शहर में आपूर्ति व्यवस्था में टेल एंड पर नागरिकों को पेयजल की आपूर्ति टैंकरों के माध्यम से कराएं. ग्रीष्मकालीन समय में पेयजल की मांग में 30 से 40 प्रतिशत की वृद्धि हो जाती है, इस स्थिति में आवश्यकतानुसार विशेष योजना बनाएं. शहर में ग्रीष्मकालीन समय में सार्वजनिक स्थानों पर बंद पड़े प्याऊ को साफ करवाएं और नियमित रूप से उसमें पानी भरें . चिन्हित स्थानों पर पानी के मटके रखने की व्यवस्था भी करें. न्यायालय द्वारा समय-समय पर जारी आदेशों का अनुसरण और पालन करें . पेयजल की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए हर प्लांट की अलग लैब बनाकर नियमित रूप से क्वॉलिटी चेक करें. ओम नगर ,बैरागढ़ चिचली, नीलबड़, रातीबड़ जैसे बाहरी क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दें.
वर्षा ऋतु में जलभराव की स्थिति ना हो उत्पन्न
कमिश्नर नगर निगम विजय दत्ता को कियावत ने भोपाल शहर के संभावित हॉटस्पॉट को चिन्हित कर ड्रेनेज व्यवस्था को 31 मई तक साफ करने के निर्देश दिए. उन्होंने कहा भोपाल में आगामी वर्षा ऋतु के दौरान जलभराव की स्थिति ना उत्पन्न होने देने के लिए शहर के ड्रेनेज व्यवस्था को इस लॉकडाउन के दौरान बेहतर तरीके से दुरुस्त किया जा सकता है. दूसरे विभागों से समन्वय कर पोकलेन मशीन और अमले का उपयोग कर नालों की गाद की सफाई करें और कचरे का सही निस्तारण करें स्थानीय स्तर पर सभी वार्ड प्रभारियों और आम जनता से समन्वय कर पानी के प्राकृतिक बहाव को रोकने वाले रास्तों को खुलवाएं . प्रत्येक वार्ड प्रभारियों से कार्य समाप्ति का प्रमाण पत्र भी लें.