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आज से MP में दिखाई देगा 'तौकते तूफान' का असर, 12 से अधिक जिलों में येलो अलर्ट

मध्य प्रदेश के कई जिलों में आज से तौकते तूफान (tauktae storm) का असर देखने को मिलेगा. मौसम विभाग (weather department) ने प्रदेश के 12 से अधिक जिलों को येलो अलर्ट (Yellow alert) कर दिया है. मौसम विभाग के अनुसार यह तुफान 6 घंटे बाद और तेज होगा.

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Published : May 16, 2021, 3:15 PM IST

Updated : May 16, 2021, 7:02 PM IST

Storms in Madhya Pradesh
मध्य प्रदेश में तौकते तूफान

भोपाल। मध्य प्रदेश में आज से अगले तीन दिनों तक तौकते तूफान (tauktae storm) का असर देखने को मिल सकता है. इस दौरान तेज हवाओं और गरज-चमक के साथ बारिश होने का अनुमान है. मौसम विभाग ने प्रदेश के इंदौर, भोपाल, उज्जैन और होशंगाबाद संभागों के साथ ही 12 जिलों में बारिश की संभावना जताई है. इस दौरान 35 से 40 किमी प्रति घंटा की रफ्तार से हवाएं भी चलने का अनुमान है. यह बारिश अरब सागर के दक्षिण-पूर्व में बने तौकते तूफान के कारण होगी, इसका असर 16 मई से शुरु होकर 19 मई तक रहेगा और 20 मई के बाद यह कमजोर हो जाएगा.

तौकते तूफान का असर

6 घंटों में तेज होगा तूफान

मौसम विज्ञानी (Meteorologist) जेपी विश्वकर्मा के मुताबिक दक्षिण-पूर्वी मध्य प्रदेश के ऊपर चक्रवातीय परिसंचरण सक्रिय है, जिससे होकर पूर्व-पश्चिम ट्रफ लाइन झारखंड, असम तक और उत्तर-दक्षिण ट्रफ लाइन विदर्भ-तेलंगाना तक होकर गुजर रही है. साथ ही आज से चक्रवातीय तूफान तौकते के प्रभावशाली होने की आशंका है. अगले 6 घंटे में यह तूफान और तेज हो सकता है.

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आज से दिखाई देगा तौकते तूफान का असर

  • 40 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलेंगी हवाएं
  • मानसून के हफ्ते भर देरी से आने की संभावना

यहां पर है बारिश का येलो अलर्ट

भोपाल, इंदौर, होशंगाबाद और उज्जैन संभागों में गरज-चमक के साथ बारिश हो सकती है. इसके अलावा गुना, शिवपुरी, ग्वालियर, जबलपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, बालाघाट, शहडोल, उमरिया, पन्ना, दमोह और टीकमगढ़ जिलों में भी बारिश होने की संभावना है. यहां पर हवाओं की रफ्तार 35 से 40 किमी प्रति घंटा हो सकती है. मौसम विभाग के अनुसार प्रदेश में 19 मई के बाद तापमान में वृद्धि होगा और 24 मई के बाद गर्मी बढ़ने लगेगी.

तौकते तूफान का असर

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मानसून आने में हफ्ते भर की देरी

प्रदेश में मानसून 13 से 14 जून के बीच सक्रिय होना माना जाता है. मौसम विभाग द्वारा मानसून आने की आधिकारिक घोषणा की जाती है. मौसम विज्ञानी के अनुसार बीते कुछ वर्षों में मानसून 20 जून के बाद ही प्रदेश में सक्रिय हो रहा है. मानसून की पहली बारिश केरल में शुरु होती है, जिसका समय 1 जून तय किया गया है. बीते कुछ वर्षों में केरल में भी मानसून तय समय पर नहीं पहुंच रहा है, इसलिए इसका असर प्रदेश के मानसून पर पड़ रहा है और इस बार भी यह करीब 1 हफ्ते देरी से प्रदेश में प्रवेश करने वाला है.

12 वर्षों में केवल दो बार समय पर आया मानसून

मौसम विभाग से मिली जानकारी के अनुसार वर्ष 2008 से लेकर पिछले साल 2020 तक मानसून केवल दो बार समय पर आया है, जबकि अन्य वर्षों में यह 20 जून के बाद ही सक्रिय हुआ है. वर्ष 2012,13 और 14 में मानसून जुलाई में आया था. वर्ष 2008 और 2020 को छोड़ दिया जाए तो केवल 2010 में ही 20 जुन से पहले यानि 17 जून को मानसून ने प्रदेश में प्रवेश किया था.

Last Updated : May 16, 2021, 7:02 PM IST

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