भोपाल:राजधानी भोपाल के बहुचर्चित प्यारे मियां केस में नाबालिग पीड़िता की मौत के बाद अब इस पूरे मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया गया है. आईजी दीपिका सूरी को एसआईटी चीफ बनाया गया है. तो वही एसआईटी की टीम में एक सीएसपी उमेश तिवारी और निरीक्षक पंकज दीवान को भी शामिल किया गया है. नाबालिक की मौत के मामले में अब पूरी जांच एसआईटी की टीम करेगी.
नाबालिग पीड़िता की मौत के बाद एसआईटी का गठन
प्यारे मियां केस की पांचों पीड़िताओं को सरकारी बालिका आश्रय में रखा गया है. इनमें से एक पीड़िता को तबीयत बिगड़ने के बाद सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए दाखिल किया गया था. बताया जा रहा है कि पीड़िता ने नींद की गोलियां खाई थी. इलाज के दौरान बुधवार रात नाबालिग पीड़िता की मौत हो गई. जिसके बाद इस मामले में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी. जिसमें अधिकारियों को इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन करने के निर्देश दिए गए थे.
सीएम के निर्देश के बाद एसआईटी का गठन
सीएम के निर्देश के बाद आज इस मामले की जांच के लिए एसआईटी का गठन कर दिया गया है. आईजी दीपिका सोनी को एसआईटी चीफ बनाया गया है. तो वहीं सीएसपी उमेश तिवारी को भी एसआईटी में शामिल किया गया है. इसके अलावा निरीक्षक पंकज दीवान भी एसआईटी में हैं. अब एसआईटी ही इस पूरे मामले की जांच करेगी. इस पूरे मामले में बड़ा सवाल यही है कि आखिरकार बालिका आश्रय में नींद की गोलियां कैसे पहुंची.
यह है पूरा मामला
बीते साल जुलाई में स्थानीय अखबार चलाने वाले तथाकथित पत्रकार प्यारे मियां के खिलाफ पुलिस ने पांच नाबालिग लड़कियों के साथ बलात्कार करने के आरोप में मामला दर्ज किया था. इसके अलावा कई धाराओं में प्यारे मियां के खिलाफ अलग-अलग एफआईआर दर्ज की गई थी. उस वक्त भोपाल पुलिस ने आरोपी प्यारे मियां को जम्मू से गिरफ्तार किया था. इस पूरे मामले में 5 नाबालिग पीड़ितों को सरकारी बालिका आश्रय में रखा गया था. जिनमें से एक पीड़िता को सोमवार को नींद की गोलियां खाने के बाद तबीयत बिगड़ने से राजधानी की हमीदिया अस्पताल में इलाज के लिए दाखिल किया गया था. जहां इलाज के दौरान बुधवार को उसकी मौत हो गई.