सावित्री बाई की जयंती पर आयोजित होगी विचार संगोष्ठी, कई विषयों पर की जायेगी चर्चा
सावित्री देवी फूले की जयंती पर 5 जनवरी को विचार संगोष्ठी का आयोजन किया जायेगा, जिसमें प्रजातंत्र की स्थिति सहित तमाम विषयों पर चर्चा होगी.
भोपाल। रविंद्र भवन में अखिल भारतीय महात्मा फुले समता परिषद के बैनर तले 5 जनवरी को विचार संगोष्ठी का आयोजन किया जाएगा. यह संगोष्ठी सावित्री देवी फूले की जन्म जयंती पर आयोजित की जायेगी. इस मौके पर प्रदेश भर के बुद्धिजीवी शामिल होंगे.
सावित्री देवी फुले की जयंती पर आयोजित होगी संगोष्ठी
रविंद्र भवन में 5 जनवरी को विचार संगोष्ठी का आयोजन किया जायेगा. यह संगोष्ठी सावित्री देवी फूले की जयंती पर की जा रही है. कांग्रेस विधायक और समता परिषद के अध्यक्ष सिद्धार्थ कुशवाहा ने बताया कि 5 जनवरी को होने वाली इस विचार संगोष्ठी में प्रदेश के अलग-अलग जिलों से बुद्धिजीवी को आमंत्रित किया गया है. यह संगोष्ठी मंच के जरिए नहीं बल्कि सामूहिक रूप से होगी. इस आयोजन के दौरान ज्योति राव फुले और सावित्री देवी फुले की मानवतावाद की विचारधारा को आगे बढ़ाने का भी संकल्प लिया जाएगा. साथ ही उनके अधूरे कार्यों के प्रति भी संकल्प लेकर उन्हें आगे बढ़ाया जाएगा.
प्रजातंत्र की स्थिति, बेरोजगारी सहित कई विषयों पर होगी चर्चा
अखिल भारतीय महात्मा फुले समता परिषद के अध्यक्ष और कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा ने कहा कि आजादी के पहले और आजादी के बाद देश की हालात को देखकर लगता है कि जिन महापुरुषों ने आजादी और प्रजातंत्र के लिए अपने प्राणों की आहुति दी. आज उन्हें लोग भूलते जा रहे हैं. आज उनका भी सम्मान सुरक्षित नहीं रह गया है. चाहें वह किसान हो, गरीब हो, मजदूर हो, बेरोजगार हो या फिर नौजवान हो सब दुखी हैं, जो अपने ही देश में डरे हुए हैं. इसलिए इस संगोष्ठी की आवश्यकता पड़ रही है, जिसमें प्रजातंत्र की स्थिति नौजवान बेरोजगार सहित कई विषयों पर चर्चा की जाएगी.
कांग्रेस छोड़ बीजेपी में शामिल हुए विधायकों को जनता ने क्यों चुन लिया ?
सतना से कांग्रेस विधायक सिद्धार्थ कुशवाहा ने कहा कि जो विधायक कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो रहे हैं. वह किसके प्रति वफादार हैं. प्रजातंत्र कलंकित हो रहा है. कहने को तो मेनका गांधी भी बीजेपी में है और उनके बेटे वरुण गांधी भी बीजेपी में है. वहीं उन्होंने कहा कि हम तो खुद इस चीज की खोज कर रहे हैं कि कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हुए विधायकों को जनता ने दोबारा कैसे चुन लिया, जबकि उन्होंने गद्दारी और बेईमानी की है.