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IAS, IPS, IFS अधिकारियों की साध्वी को खुली चुनौती, प्रज्ञा बोलीं- नहीं पड़ता फर्क, मेरा विरोध करने वाले अपने गिरेबां में झांके - Letter against Pragya Singh Thakur

भोपाल की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर और रिटायर्ड IAS, IPS, IFS अफसर और आमने-सामने हैं. सांसद द्वारा घर में हथियार रखने को लेकर लिए दिए गए बयान को लेकर देशभर के अफसरों ने लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को पत्र लिखा और सांसद की सदस्या खत्म करने की मांग की. इस पत्र को लेकर सांसद ने कहा कि, कोई फर्क नहीं पड़ता.

Bhopal MP Pragya Singh Thakur
भोपाल सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर

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Published : Jan 11, 2023, 10:50 PM IST

भोपाल की सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर का बयान

भोपाल। सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ 103 रिटायर्ड अफसरों खुले तौर पर सामने आ गए हैं. इन्होंने सांसद के घर में हथियार रखने वाले बयान को भड़काऊ भाषण बताया. अफसरों कि मानें तो प्रज्ञा ठाकुर द्वारा कर्नाटक में दिया गया बयान नफरत फैलाने वाला है. इस बयान को लेकर रिटायर्ड IAS, IPS, IFS अफसरों ने लोकसभा स्पीकर को खत लिखा. इस खत में सांसद का अधिकार खत्म करने की मांग की जा रही है. इधर करणी सेना के प्रदर्शन पर चुप्पी तोड़ते हुए सांसद ने कहा जो मेरा विरोध कर रहे हैं. सब अपने-अपने गिरेबां में झांके. हम अपने स्वाभिमान, महिलाओं के सम्मान के लिए सदैव खड़ी हूं. हमें ऐसे लोगों की बिल्कुल परवाह नहीं.

कोई परवाह नहीं: प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि,मैं संविधान और कानून का पालन करती हूं. क्या सिर्फ वही कानून जानते हैं और कोई कानून नहीं जानता. जनता को पता है क्या अच्छा है क्या गलत. क्या कानूनी है क्या गैर कानूनी. देश में तमाम विचारधारा के लोग रहते हैं. यदि मैंने महिलाओं की, लड़कियों की सुरक्षा के लिए उनके अधिकारों को याद दिलाया तो इसमें उनको तकलीफ होने की आवश्यकता नहीं है. मेरी सदस्यता चली जाए तो वह खुश हो जाएंगे. इसका मैं बिल्कुल परवाह नहीं करती. जो मेरा विरोध कर रहे हैं सब अपने गिरेबां में झांके. हम अपने स्वाभिमान, महिलाओं के स्वाभिमान, महिलाओं के सम्मान के लिए सदैव खड़ी हूं. खड़ी रहूंगी, हमें ऐसे लोगों की बिल्कुल परवाह नहीं.

मामला सीएम का बताकर झाड़ लिया पल्ला: करणी सेना के प्रदर्शन पर साध्वी प्रज्ञा सिंह ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि यदि करणी सेना उन्हें बुलाती तो वे जातीं और उनकी बातों को सुनती. साध्वी ने कहा उनकी अपेक्षा मुझसे नहीं है. वो जिनसे अपेक्षा कर रहे हैं. वे उनके लिए अधिकृत हैं. उनको पूरा करेंगे. हम भोपाल के हैं इसकी जानकारी निश्चित रूप से रहती है, लेकिन मांग क्या है इसके बारे में मुझे पता नहीं. उन्होंने कहा कि, भोपाल राजधानी है. यहां मुख्यमंत्री कार्यालय है. पूरे प्रदेश से या देश से जो भी अपेक्षा होगी मुख्यमंत्री के पास लोग आते हैं. मैं सांसद हूं. प्रदेश का नेतृत्व मुख्यमंत्री कर रहे हैं. यदि मुझे किसी कार्यक्रम में बुलाया जाएगा. मैं जाऊंगी पर हर कार्यक्रम में पहुंच जाऊं स्वयं से यह मेरे लिए उपयुक्त नहीं है. उचित भी नहीं है.

मोहन भागवत के बयान का समर्थन:भारत जब स्वतंत्र हुआ धर्म के आधार पर पाकिस्तान बन गया. भारत का विभाजन हो गया. अब भारत को खंडित नहीं होने देंगे. यदि देश हित को, राष्ट्र हित सर्वोपरि मानकर यहां रहेंगे तो निश्चित रूप से चाहे वह कोई भी हो वह यहां निवास कर सकते है. अतिथि देवो भव: हमारे यहां के शास्त्रों में परंपरा है. यहां पर रह सकते हैं. परंतु जिस प्रकार से यह हमारा देश और विचारधारा अलग है. यह खाना पीना और गुणगान किसी और देश का कहीं और कुछ होता है. वहां का पक्ष लेना देश को गलत बोलना यह स्वीकार्य किसी को भी नहीं होगा जो भी देशभक्त होगा. आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि, भारत में मुसलमानों के लिए डरने की कोई बात नहीं है, लेकिन उन्हें 'सर्वोच्चता के अपने बड़बोले बयानबाजी' को छोड़ देनी चाहिए. ऑर्गनाइज़र और पाञ्चजन्य के साथ एक साक्षात्कार में, भागवत ने एलजीबीटी समुदाय के समर्थन में भी बात की और कहा कि उनका भी अपना निजी स्थान होना चाहिए और संघ को इस दृष्टिकोण को बढ़ावा देना होगा.

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संयम और धैर्य से सामना: हमारे जगतगुरु शंकराचार्य थे जिन्होंने 4 पीठों की स्थापना की थी. उनमें से एक मठ जोशीमठ बहुत महत्वपूर्ण हिमालय पर है. उसमें अभी प्राकृतिक दृष्टि से जो भी वहां परिवर्तन हो रहा है वहां सभी को संयम और बड़े धैर्य से उसका सामना भी करना है और अपनी भावनाओ को बनाए भी रखना है. कहीं भी किसी भी प्रकार से उनको उद्वेलित नहीं होना. किसी के बहकावे में नहीं आना है. अनर्गल प्रलाप करने की आवश्यकता नहीं है. क्योंकि प्रधानमंत्री मोदी ने वहां पर पूरी तरह से रेस्क्यू करने का व्यवस्थाएं करने का. लोगों को सुरक्षित रखने का पूरा संकल्प लिया है. लगातार प्रयास कर रहे हैं. इसलिए आप सब लोग इस वक्त इस प्राकृतिक आपदा को थोड़ा सा उसी रूप में लें. हमारे प्रधानमंत्री, मुझे लगता है सभी तरह के विचारों को करके फिर उसका निर्णय करेंगे, हम अभी कुछ भी नहीं कह सकते हम यहां बैठे हुए हैं. मैं वैज्ञानिक नही हूं जो भी है हम अपने नेतृत्व पर पूर्ण विश्वास करते हैं. और हम निश्चित रूप से सभी पर करेंगे.

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