भोपाल। सांसद प्रज्ञा सिंह ठाकुर के खिलाफ 103 रिटायर्ड अफसरों खुले तौर पर सामने आ गए हैं. इन्होंने सांसद के घर में हथियार रखने वाले बयान को भड़काऊ भाषण बताया. अफसरों कि मानें तो प्रज्ञा ठाकुर द्वारा कर्नाटक में दिया गया बयान नफरत फैलाने वाला है. इस बयान को लेकर रिटायर्ड IAS, IPS, IFS अफसरों ने लोकसभा स्पीकर को खत लिखा. इस खत में सांसद का अधिकार खत्म करने की मांग की जा रही है. इधर करणी सेना के प्रदर्शन पर चुप्पी तोड़ते हुए सांसद ने कहा जो मेरा विरोध कर रहे हैं. सब अपने-अपने गिरेबां में झांके. हम अपने स्वाभिमान, महिलाओं के सम्मान के लिए सदैव खड़ी हूं. हमें ऐसे लोगों की बिल्कुल परवाह नहीं.
कोई परवाह नहीं: प्रज्ञा ठाकुर ने कहा कि,मैं संविधान और कानून का पालन करती हूं. क्या सिर्फ वही कानून जानते हैं और कोई कानून नहीं जानता. जनता को पता है क्या अच्छा है क्या गलत. क्या कानूनी है क्या गैर कानूनी. देश में तमाम विचारधारा के लोग रहते हैं. यदि मैंने महिलाओं की, लड़कियों की सुरक्षा के लिए उनके अधिकारों को याद दिलाया तो इसमें उनको तकलीफ होने की आवश्यकता नहीं है. मेरी सदस्यता चली जाए तो वह खुश हो जाएंगे. इसका मैं बिल्कुल परवाह नहीं करती. जो मेरा विरोध कर रहे हैं सब अपने गिरेबां में झांके. हम अपने स्वाभिमान, महिलाओं के स्वाभिमान, महिलाओं के सम्मान के लिए सदैव खड़ी हूं. खड़ी रहूंगी, हमें ऐसे लोगों की बिल्कुल परवाह नहीं.
मामला सीएम का बताकर झाड़ लिया पल्ला: करणी सेना के प्रदर्शन पर साध्वी प्रज्ञा सिंह ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि यदि करणी सेना उन्हें बुलाती तो वे जातीं और उनकी बातों को सुनती. साध्वी ने कहा उनकी अपेक्षा मुझसे नहीं है. वो जिनसे अपेक्षा कर रहे हैं. वे उनके लिए अधिकृत हैं. उनको पूरा करेंगे. हम भोपाल के हैं इसकी जानकारी निश्चित रूप से रहती है, लेकिन मांग क्या है इसके बारे में मुझे पता नहीं. उन्होंने कहा कि, भोपाल राजधानी है. यहां मुख्यमंत्री कार्यालय है. पूरे प्रदेश से या देश से जो भी अपेक्षा होगी मुख्यमंत्री के पास लोग आते हैं. मैं सांसद हूं. प्रदेश का नेतृत्व मुख्यमंत्री कर रहे हैं. यदि मुझे किसी कार्यक्रम में बुलाया जाएगा. मैं जाऊंगी पर हर कार्यक्रम में पहुंच जाऊं स्वयं से यह मेरे लिए उपयुक्त नहीं है. उचित भी नहीं है.