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पति की बेवफाई के बाद सास-ससुर ने बहू को बनाया संपत्ति का उत्तराधिकारी, बेटे को जायदात से किया बेदखल - Family Court Bhopal

भोपाल में बहू को इंसाफ दिलाने के लिए एक परिवार ने अपने बेटे से ही मुंह मोड़ लिया और तमाम संपत्ति बेटे की बजाए बहू के नाम कर दी और अपने बेटे को सभी प्रकार की संपत्ति से बेदखल कर दिया.

Husband's parents made daughter-in-law heir
बहु को संपत्ति में बनाया उत्तराधिकारी

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Published : Nov 23, 2020, 4:22 AM IST

Updated : Nov 23, 2020, 6:43 AM IST

भोपाल।बेटे के मोह में महिलाओं के साथ नाइंसाफी करते हुए अक्सर परिवारों को देखा होगा, लेकिन भोपाल में बहू को इंसाफ दिलाने के लिए एक परिवार ने अपने बेटे से ही मुंह मोड़ लिया और तमाम संपत्ति बेटे की बजाए बहू के नाम कर दी. यह मामला फैमिली कोर्ट की काउंसलर सरिता राजानी के पास आया है. उन्होंने बताया अकसर बेटे के मोह में महिलाओं के साथ नाइंसाफी होती देखी है लेकिन यह पहला मामला है जब बहू को इंसाफ दिलाने के लिए ससुराल पक्ष ने अपनी सारी संपात्ति बहू के नाम कर दी और अपने बेटे को घर से बाहर निकाल दिया.

बहू को संपत्ति में बनाया उत्तराधिकारी

बहू को इंसाफ दिलाने बेटे को किया संपत्ति से अलग

फैमिली कोर्ट की काउंसलर सरिता राजानी ने बताया इस मामले में दोनों दंपत्ति की शादी आठ साल पहले घर वालों की मर्जी से हुई थी. आज दोनों के दो छोटे बच्चे हैं. एक बच्चा 3 साल का है और एक 7 साल का है. उन्होंने बताया पति का बाहर दूसरी महिला के साथ अफेयर शुरू हुआ, जिसके बाद से पति का बर्ताव घर में बदल गया. इस बात से महिला बहुत परेशान थी, जब उसने पति से उसके बर्ताव के बारे में पूछा तो पति ने कहा मुझे तलाक चाहिए और कहा कि उसे अपनी पत्नी से अलग रहना है. पति ने कहा कि वह किसी और को चाहता हूं, यह सारी बातें महिला ने अपने सास-ससुर को बताई, जिसके बाद ससुराल पक्ष ने बेटे को समझाया लेकिन बेटे ने उनकी सभी बातें मानने से इनकार कर दिया और पहली पत्नी को तलाक देकर दूसरी शादी करने की बात कही. जिससे उसके घर वालो ने इंकार कर दिया ओर बेटे को संपत्ति से अलग करने की बात कही बावजूद इसके युवक ने अपनी जिद नहीं छोड़ी ओर पहली पत्नी को तलाक देने के लिए कोर्ट में पिटीशन फाइल की, लेकिन इस बीच ससुराल पक्ष ने उनकी सारी संपत्ति बहू के नाम कर दी.

समाज के लिए उदाहरण यह परिवार

फैमिली कोर्ट की काउंसलर सरिता राजधानी ने बताया कि इस पूरे मामले में ससुराल पक्ष का कहना है कि हमारी बहू हमारी जिम्मेदारी है और पिछले 8 सालों से वह हमारी सेवा कर रही है. इस मामले में सारी गलती बेटे की है. ऐसे में पूरा ससुराल पक्ष बहू के साथ है और इसीलिए उन्होंने अपनी सारी प्रॉपर्टी बहू के नाम कर दी. काउंसलर सरिता राजानि ने बताया इस तरह के बहुत कम मामले फैमिली कोर्ट में आते हैं और यह पहला मामला है जब बहू को इंसाफ दिलाने के लिए माता पिता ने अपने बेटे को ही संपत्ति से बेदखल कर दिया. उन्होंने बताया इस तरह के मामले समाज के लिए एक उदाहरण है अगर ऐसे लोग होंगे तो महिलाओं के साथ कभी नाइंसाफी नहीं हो पाएगी.

Last Updated : Nov 23, 2020, 6:43 AM IST

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