भोपाल। प्रदेश में अब कोरोना वायरस की चपेट में लगातार शासकीय अधिकारी-कर्मचारी आ रहे हैं. अभी तक स्वास्थ्य विभाग और पुलिस विभाग के कई अधिकारी कर्मचारी इस संक्रमण के शिकार हो चुके हैं. यहां तक कि अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए थाना प्रभारियों की कोरोना वायरस की वजह से मौत हो चुकी है. हालांकि सरकार की ओर से दोनों ही थाना प्रभारियों को मरणोपरांत कर्मवीर पदक और परिवार के सदस्य को शासकीय नौकरी के साथ ही 50 लाख रुपए की मदद दिए जाने की घोषणा की गई है.
पुलिसकर्मियों की सुरक्षा के इंतजाम पर मानवाधिकार आयोग ने सरकार से मांगा जवाब
थाना प्रभारियों की मौत पर मानव अधिकार आयोग ने 7 दिनों के अंदर सरकार से जवाब मांगा है.
कोरोना से इंदौर और उज्जैन के थाना प्रभारियों की मौत पर अब मध्यप्रदेश मानव अधिकार आयोग ने मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव, गृह और डीजीपी को पत्र लिखकर 29 अप्रैल तक जवाब मांगा है, जिसमें पूछा गया है कि पुलिस को कितने मास्क और पीपीई किट दिए गए हैं. आयोग को मिली सुखविंदर सिंह लल्ली की शिकायत में कहा गया है कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए पुलिसकर्मियों की विशेष ड्यूटी लगाई गई है, लेकिन उन्हें मास्क और पीपीई किट नहीं दिए गए हैं.
दूसरी ओर राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने भी राज्य मानव अधिकार आयोग से मांग की है कि कोरोना संक्रमण के दौरान ड्यूटी कर रहे पुलिसकर्मियों की चिंता की जाए क्योंकि ड्यूटी के दौरान अब तक पुलिस के दो अधिकारियों की मौत भी हो चुकी है. ऐसे में न सिर्फ पुलिसकर्मी बल्कि उनका परिवार भी चिंता में डूबा है. तन्खा ने कहा कि आयोग पुलिस महानिदेशक और मुख्य सचिव को निर्देश दे कि वो पुलिसकर्मियों को पीपीई किट सहित सुरक्षा के सभी साधन मुहैया कराएं.