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सेंट्रल जेल में बंद सिमी बंदियों के भूख हड़ताल के बाद, मानव अधिकार आयोग ने मुख्य सचिव से मांगा जवाब

भोपाल की सेंट्रल जेल में बंद सिमी बंदियों ने कुछ समय पहले जेल प्रशासन के खिलाफ भूख हड़ताल की थी, इस मामले को संज्ञान में लेते हुए मानव अधिकार आयोग मध्यप्रदेश मुख्य सचिव से जवाब मांगा है.

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सेंट्रल जेल में बंद सिमी बंदियों के मामला

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Published : Oct 20, 2020, 9:31 AM IST

भोपाल। शहर की सेंट्रल जेल में बंद सिमी बंदियों के द्वारा कुछ दिनों पहले भूख हड़ताल की गई थी, इसके अलावा उन्होंने जेल प्रशासन की शिकायत भी की थी, अब इस मामले का संज्ञान मानव अधिकार आयोग के द्वारा संज्ञान लिया गया है और इस संबंध में मानव अधिकार आयोग ने प्रदेश के मुख्य सचिव और महानिदेशक (जेल) को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

मानव अधिकार आयोग ने मुख्य सचिव से मांगा जवाब

भोपाल केंद्रीय कारागार में बंद इन बंदियों के परिवार ने उत्पीड़न के आरोप भी लगाए थे. आयोग ने इस मामले में स्वत: संज्ञान लिया है, और आयोग ने इन बंदियों के स्वास्थ्य और इलाज की जानकारी 4 सप्ताह में देने के लिए कहा है. सिमी से जुड़े कुछ बंदियों के परिजनों ने राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग का दरवाजा खटखटाया था, और आरोप लगाया था कि मुठभेड़ में विचाराधीन कैदियों के मारे जाने के बाद से ही, अधिकारी जेल में बंद अन्य कैदियों का उत्पीड़न कर रहे हैं. मामले में संज्ञान लेते हुए आयोग ने जांच के निर्देश दिए हैं.

कब से जेल में बंद हैं सिमी आतंकी ?

भोपाल की सेंट्रल जेल में 28 सिमी बंदी बंद हैं, साल 2016 में हुए जेल ब्रेक कांड के बाद से इन सभी सिमी बंदियों पर जेल प्रशासन पूरी मुस्तैदी से नजर रखता है, यही वजह है कि इनमें से कुछ बंदियों को अंडा सेल में भी रखा गया है,

सिमी बंदियों ने क्यों की भूख हड़ताल ?

सिमी कैदियों को अंडा सेल में रखे जाने के बाद से ही बंदियों ने जेल प्रशासन के खिलाफ भूख हड़ताल शुरू कर दी थी, और जेल प्रशासन पर कई तरह के आरोप भी लगाए थे, इन लोगों के द्वारा मांग की गई थी, कि उन्हें भी आम कैदियों के साथ रहने दिया जाए, हालांकि जेल प्रशासन के द्वारा इनकी भूख हड़ताल को देखते हुए तत्काल ही इनका स्वास्थ्य परीक्षण कराया गया था, और इन्हें जेल में ही बेहतर स्वास्थ्य व्यवस्थाएं मुहैया कराई गईं थीं, लेकिन अब इस मामले में सिमी बंदियों के परिजनों ने उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं, हालांकि इस मामले में आयोग के द्वारा समुचित जानकारी के साथ 4 सप्ताह में जवाब मांगा गया है.

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