भोपाल।चैत्र नवरात्रि का आज सातवां दिन है, जिसे सप्तमी के रूप में भी जाना जाता है. नवरात्रि के सातवें दिन भगवती के कालरात्रि रूप की पूजा की जाती है. मां कालरात्रि की पूजा से आरोग्य की प्राप्ति होती है. रोगियों को स्वास्थ्य लाभ मिलता है. मां कालरात्रि का स्वरूप देखने में डरावना है, लेकिन ये सदैव शुभ फल ही देने वाली हैं. इसी कारण इनका एक नाम शुभंकारी भी है. अतः इनसे भक्तों को भयभीत या आतंकित होने की जरूरत नहीं है. मां कालरात्रि को काली, महाकाली, भद्रकाली, भैरवी, रुद्रानी, चामुंडा, चंडी और दुर्गा के कई विनाशकारी रूपों में से एक माना जाता है.
मान्यता है कि देवी के इस रूप में सभी राक्षस, भूत, प्रेत, पिशाच और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है. ये सभी भगवती कालरात्रि के आगमन से भागते हैं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह ने भी माता कालरात्रि से प्रार्थना की और ट्विटर पर लिखा- चैत्र नवरात्रि में मां अम्बे के सप्तम स्वरूप माता कालरात्रि से यही प्रार्थना कि दु:ख, शोक, संताप, कोरोना और समस्त विनाशक शक्तियों का नाश हो, सब निर्भय हों और मैया की कृपा अनवरत बरसती रहे.
माता का स्वरूप
मां कालरात्रि के शरीर का रंग घने अंधकार की तरह एकदम काला है. सिर के बाल बिखरे हुए हैं. गले में बिजली की तरह चमकने वाली माला है. इनके तीन नेत्र हैं. ये तीनों नेत्र ब्रह्मांड के जैसे गोल हैं. इनसे बिजली के जैसी चमकीली किरणें हमेशा निकलती रहती है. धार्मिक ग्रंथों के अनुसार मां की नाक के श्वास-प्रश्वास से अग्नि की भयंकर ज्वालाएं निकलती रहती हैं. इनका वाहन गर्दभ (गधा) है. माता कालरात्रि ऊपर उठे हुए दाहिने हाथ की वरमुद्रा से सभी को वर प्रदान करती हैं. दाहिनी तरफ का नीचे वाला हाथ अभयमुद्रा में है. मां बाईं तरफ के ऊपर वाले हाथ में लोहे का कांटा और नीचे वाले हाथ में खड्ग (कटार) लिए हुए हैं.
मां दुर्गा के नौ रूप
- प्रथम दिवस मां शैलपुत्री
- द्वितीय दिवस मां ब्रह्मचारिणी
- तृतीय दिवस मां चंद्रघंटा
- चतुर्थ दिवस मां कुष्मांडा
- पंचमी के दिन मां स्कंदमाता
- षष्ठी के दिन मां कात्यायनी
- सप्तमी के दिन मां कालरात्रि
- अष्टमी के दिन मां महागौरी
- नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है.
मां कालरात्रि को समर्पित है नवरात्रि का सातवां दिन, ऐसे करें आराधना
मां कालरात्रि की आराधना के लिए इस मंत्र का जाप कर सकते हैं.