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निर्भयता-वीरता की देवी मां चंद्रघंटा की इस विधि से करें पूजा

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Published : Apr 15, 2021, 9:07 AM IST

Updated : Apr 15, 2021, 12:28 PM IST

नवरात्र की शुरुआत के साथ शक्ति अराधना की भी शुरुआत हो चुकी है. नवरात्र के तीसरे दिन मां चंद्रघंटा की पूजा की जाती है. मां चंद्रघंटा की पूजा से हर मनोकामना पूरी होती है.

third day of navratri
मां चंद्रघंटा

भोपल। चैत्र नवरात्रि का आज तीसरा दिन है. नवरात्रि के तीसरे दिन भगवती के चंद्रघंटा रूप की पूजा की जाती है. कहते हैं माता चंद्रघंटा की पूजा से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. मां हर संकट दूर करती हैं. मां चंद्रघंटा की उपासना से पापों से मुक्ति मिलती है. इस दिन पूजा करने से मनुष्य में निर्भयता और वीरता के गुण संचारित होते हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट कर माता चंद्रघंटा से हर घर से दुःख-पीड़ा व शोक मिटाने की प्रार्थना की.

दस भुजाओं वाली हैं मां

भगवती चंद्रघंटा की सवारी सिंह होती है. मां की दस भुजाएं हैं. दसों भुजाओं में मां वनमाला, कमंडल, चक्र, गदा, पद्म, त्रिशूल, खड़ग, धनुष, बाण लिए हुए हैं और भगवती का एक हाथ वरदहस्त (वर मुद्रा में) है.

नवरात्र के 9 दिनों में मां के 9 रूपों की पूजा

  • प्रथम दिवस मां शैलपुत्री
  • द्वितीय दिवस मां ब्रह्मचारिणी
  • तृतीय दिवस मां चंद्रघंटा
  • चतुर्थ दिवस मां कुष्मांडा
  • पंचमी के दिन मां स्कंदमाता
  • षष्ठी के दिन मां कात्यायनी
  • सप्तमी के दिन मां कालरात्रि
  • अष्टमी के दिन मां महागौरी
  • नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है.

मां चंद्रघंटा की आराधना के लिए इस मंत्र का जाप कर सकते हैं.

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मंत्र:पिण्डजप्रवरारूढा चण्डकोपास्त्रकैर्युता। प्रसादं तनुते मह्यं चंद्रघण्टेति विश्रुता।।

स्तुति:या देवी सर्वभू‍तेषु मां चंद्रघंटा रूपेण संस्थिता।

नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः॥

पूजन विधि

मां चंद्रघंटा की पूजन विधि: सुबह उठकर स्नान करके साफ कपड़े पहनें. मंदिर में आसन पर बैठ जाएं. फिर मां चंद्रघंटा की षोडषोपचार (आवाहन, आसन, पाद्य, अर्घ्य, आचमन, स्नान, वस्त्र, उपवस्त्र, गंध, पुष्प, धूम, दीप, नैवेद्य, आरती, नमस्कार, पुष्पांजलि) से पूजा करें. पूजा के दौरान मंत्रों का जाप करें.

कमल और पीले पुष्प करें अर्पित

देवी चंद्रघंटा को सुनहरे वस्त्र अर्पित करने चाहिए. साथ ही मां को कमल और पीला पुष्प बेहद प्रिय है. इस दिन मां को फल, मिठाई और मिश्री का भोग लगाना चाहिए. पूजा के बाद दुर्गा चालीसा या दुर्ग सप्तशती का पाठ करना चाहिए.

Last Updated : Apr 15, 2021, 12:28 PM IST

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