भोपल। चैत्र नवरात्रि का आज तीसरा दिन है. नवरात्रि के तीसरे दिन भगवती के चंद्रघंटा रूप की पूजा की जाती है. कहते हैं माता चंद्रघंटा की पूजा से सारी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. मां हर संकट दूर करती हैं. मां चंद्रघंटा की उपासना से पापों से मुक्ति मिलती है. इस दिन पूजा करने से मनुष्य में निर्भयता और वीरता के गुण संचारित होते हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी ट्वीट कर माता चंद्रघंटा से हर घर से दुःख-पीड़ा व शोक मिटाने की प्रार्थना की.
दस भुजाओं वाली हैं मां
भगवती चंद्रघंटा की सवारी सिंह होती है. मां की दस भुजाएं हैं. दसों भुजाओं में मां वनमाला, कमंडल, चक्र, गदा, पद्म, त्रिशूल, खड़ग, धनुष, बाण लिए हुए हैं और भगवती का एक हाथ वरदहस्त (वर मुद्रा में) है.
नवरात्र के 9 दिनों में मां के 9 रूपों की पूजा
- प्रथम दिवस मां शैलपुत्री
- द्वितीय दिवस मां ब्रह्मचारिणी
- तृतीय दिवस मां चंद्रघंटा
- चतुर्थ दिवस मां कुष्मांडा
- पंचमी के दिन मां स्कंदमाता
- षष्ठी के दिन मां कात्यायनी
- सप्तमी के दिन मां कालरात्रि
- अष्टमी के दिन मां महागौरी
- नवमी के दिन मां सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है.
मां चंद्रघंटा की आराधना के लिए इस मंत्र का जाप कर सकते हैं.
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