भोपाल। मध्य प्रदेश में 2 करोड़ आबादी वाले आदिवासियों (Tribal) को लुभाने के लिए बीजेपी और कांग्रेस इन दिनों आमने-सामने है. हाल ही में 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस (World Tribal Day) पर एमपी सरकार (MP Government) ने छुट्टी का ऐलान नहीं किया, तो कांग्रेस ने बीजेपी पर आदिवासी विरोधी होने का आरोप लगाकर खूब माहौल बनाया. लेकिन शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chauhan) ने आदिवासी क्रांतिकारी बिरसा मुंडा (Birsa Munda) के नाम पर जनजाति गौरव दिवस मनाने का ऐलान कर दिया.
बिरसा मुंडा की जंयती पर छुट्टी की घोषणा 100 विधानसभा सीटों पर आदिवासियों का प्रभाव
आदिवासियों में खासी पकड़ रखने वाले पूर्व मंत्री बाला बच्चन (Bala Bachchan) ने कमलनाथ (kamalnath) के सीएम रहते हुए उन्हें एक रिपोर्ट सौपीं थी. जिसमें बताया गया कि प्रदेश की 100 विधानसभा सीटों पर 39 प्रतिशत से ज्यादा आबादी आदिवासियों की है. इसी रिपार्ट को देखते हुए सीएम कमलनाथ ने 9 अगस्त को आदिवासी दिवस पर छुट्टी दिए जाने का ऐलान किया था. शिवराज सरकार के आते ही आदिवासी दिवस के सार्वजनिक अवकाश को ऐच्छिक अवकाश में बदल दिया गया.
कांग्रेस ने की आदिवासी अधिकार यात्रा की शुरुआत कमलनाथ ने की थी छुट्टी की मांग
इस साल आदिवासी दिवस से पहले कमलनाथ ने आदिवासी दिवस पर छुट्टी दिए जाने के लिए शिवराज सरकार पर दवाब बनाया था. छुट्टी का ऐलान नहीं होने पर कांग्रेस ने इस मुद्दे को विधानसभा में उठाते हुए सरकार पर आदिवासी विरोधी होने के आरोप लगाए. आदिवासियों में अपनी छवि खराब होते देख शिवराज सिंह चौहान ने आदिवासी दिवस मनाने की नई तारीख ही घोषित कर दी थी.
बिरसा मुंडा की जंयती पर छुट्टी की घोषणा
शिवराज सरकार ने 9 अगस्त को आदिवासी दिवस के मौके पर छुट्टी का ऐलान तो नहीं किया, लेकिन 15 नवंबर को बिरसा मुंडा की जयंती पर जनजाति गौरव दिवस मनाने और शासकीय छुट्टी होने का ऐलान कर दिया. बीजेपी का दावा है कि यह अंतर्राष्ट्रीय आदिवासी दिवस नहीं है, कांग्रेस प्रोपेगेंडा करती है.
शंकर शाह, रघुनाथ शाह के बलिदान को याद करेंगे अमित शाह
इधर बीजेपी आदिवासी कार्ड के तहत जबलपुर में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का दौरा करा रही है. जिसमें आदिवासी नायक शंकर शाह और रघुनाथ शाह के बलिदान को याद किया जाएगा. बीजेपी आरोप लगा रही है की कांग्रेस में सिर्फ नेहरु और इंदिरा गांधी को याद करती है, किसी आदिवासी जननायक को याद ही नहीं करती. बीजेपी का दावा है कि हम सभी आदिवासी क्रांतिकारियों को याद करते हैं और उनकी जयंती कार्यक्रम भी मनाते हैं. इसलिए बीजेपी ने बिरसा मुंडा जयंती पर शासकीय अवकाश का ऐलान किया है.
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कांग्रेस ने की आदिवासी अधिकार यात्रा की शुरुआत
इधर कांग्रेस ने भी आदिवासियों को रिझाने के लिए आदिवासी अधिकार यात्रा की शुरुआत कर दी है. कमलनाथ ने निमाड़ में बड़वानी में टंट्या मामा भील के स्थान से इस यात्रा की शुरुआत की, तो दूसरी तरह बीजेपी महाकौशल इलाक के क्रांतिकारी शंकर शाह और रघुनाथ शाह के नाम पर कार्यक्रम आदिवासियों में पैठ बनाने की कोशिश में है. यानी बीजेपी और कांग्रेस ने अपने-अपने आदिवासी बांट लिए हैं.
कांग्रेस के भीमा नायक, बीजेपी के बिरसा मुंडा!
कांग्रेस नेताओं के भाषणों में भीमा नायक जैसे आदिवासी क्रांतिवीरों के नाम पहले आते हैं, तो बीजेपी नेताओं को भाषण में बिरसा मुंडा और शंकर शाह, रघुनाथ जैसे आदिवासी क्रांतिवीरों के नाम पहले आते हैं.
एमपी में 24% आबादी है आदिवासी
मध्य प्रदेश में आदिवासी वोट बैंक एक बड़ा वोट बैंक माना जाता है. प्रदेश में 47 विधानसभा सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए रिजर्व है. इसके अलावा प्रदेश की कुल आबादी में से 24 फीसदी आबादी आदिवासियों की है. आने वाले दिनों में मध्य प्रदेश की एक लोकसभा और 3 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव है. इसमें से खंडवा लोकसभा सीट और जोबट विधानसभा सीटों पर आदिवासी वोटर्स की बहुलता है. ऐसे में इन सीटों पर दोनों ही पार्टी फायदा उठाने की जुगत में लगी हुई है.