भोपाल। 15 साल बाद मध्यप्रदेश की सत्ता में आई कांग्रेस की महज 15 महीने में भी विदाई हो गई. कांग्रेस को सत्ता से बेदखल करने में उसके ही 22 विधायकों सहित कांग्रेस के तत्कालीन दिग्गज नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का हाथ माना जाता है. बाद में सभी 22 विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया के बाद बीजेपी में शामिल हो गए, कांग्रेस प्रदेश में सत्ता परिवर्तन के पहले से ही बीजेपी पर विधायकों की खरीद-फरोख्त का आरोप लगाती रही है. पूर्व विधानसभा स्पीकर एनपी प्रजापति ने इसे आजादी के बाद से अब तक का सबसे बड़ा घोटाला बताया है. उन्होंने सरकार से मांग की है कि बचे हुए किसानों का भी पूर्ण रूप से कर्ज माफ किया जाए.
प्रजापति ने कहा कि बीजेपी बताए कि इतनी बड़ी खरीद-फरोख्त के लिए उनके पास इतना पैसा कहां से आया. इनकम टैक्स वालों ने बीजेपी से नहीं पूछा कि पैसा कहां से आया है. बीजेपी कांग्रेस सरकार गिराने के लिए हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट तक चली गई थी. कोरोना के चलते हमने विधानसभा की कार्यवाही 10 दिनों के लिए मुल्तवी की थी, उस समय तरह-तरह की बातें की गई, किसी ने भी इस मामले की गंभीरता को नहीं समझा, लेकिन हम उन चीजों को समझ रहे थे, जबकि राज्यसभा चुनाव टाल दिए गए, लेकिन विधानसभा की कार्यवाही को टालने के लिए तैयार नहीं थे.