भोपाल। मध्यप्रदेश विधानसभा के शीतकालीन सत्र के तीसरे दिन यानि 22 दिसंबर को सुबह 11:00 बजे जब सदन की कार्यवाही शुरू होगी, तब प्रश्नकाल में 13 प्रश्नों को पटल पर रखा जाएगा. नियम 138 के तहत ध्यानाकर्षण प्रस्ताव में कांग्रेस विधायक पीसी शर्मा, आरिफ अकील, कमलेश्वर पटेल भोपाल सहित अन्य क्षेत्रों में खपत से ज्यादा बिजली के बिलों का मामला उठाएंगे. बीजेपी विधायक जालम सिंह नरसिंहपुर जिला विपणन सहकारी समिति में गबन के दोषी पदाधिकारियों से वसूली की कार्रवाई नहीं किए जाने का मामला सदन में उठाएंगे.
शिव की योगी राह! निजी-सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों पर सख्त सरकार, आज विधानसभा में पास हो सकता है MP Recovery Bill 2021
इसके अलावा कांग्रेस विधायकगोविंद सिंह, सतीश सिकरवार, आरिफ अकील प्रदेश में खाद की कमी की समस्या उठाएंगे. यशपाल सिंह सिसोदिया बीजेपी विधायक लेबड़ नयागांव सड़क निर्माण में शर्तों के अनुसार कार्य नहीं किए जाने का मामला सदन में रखेंगे. बीजेपी और कांग्रेस के विधायक 35 प्रस्तावों को सदन में प्रस्तुत करेंगे. खनिज मंत्री बृजेंद्र प्रताप सिंह अगस्त 2021 को पूछे गए तारांकित सवालों का उत्तर भी देंगे.
एमपी रिकवरी बिल 2021 के प्रावधान
गृह मंत्री सदन में पेश करेंगे एमपी रिकवरी बिल 2021
गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा प्रदेश में सरकारी और निजी संपत्ति को नुकसान का निवारण और नुकसान की वसूली विधेयक (MP Recovery Bill 2021 to be present in Assembly today) प्रस्तुत करेंगे. पशुपालन मंत्री प्रेम सिंह नानाजी देशमुख पशु चिकित्सा विज्ञान विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक प्रस्तुत करेंगे. इसके अलावा द्वितीय अनुपूरक बजट पर चर्चा होगी, जिसे सत्र के दूसरे दिन सदन ने पारित किया था. इस बावत जानकारी गृह मंत्री ने भी ट्वीट करके दी है.
एमपी रिकवरी बिल 2021 के प्रावधान
यूपी में ऐसा है क्षतिपूर्ति कानून
- हड़ताल, बंद, दंगों, लोक अशांति के दौरान सार्वजनिक स्थलों पर हिंसात्मक कार्यों को करने वालों के विरुद्ध कार्रवाई तथा इसके फलस्वरूप लोक तथा निजी संपत्ति की क्षति की वसूली के लिए दावा अधिकरण के गठन का प्रावधान उत्तर प्रदेश लोक तथा निजी संपत्ति क्षति वसूली अध्यादेश 2020 में किया गया है.
- देश का पहला संपत्ति क्षति दावा अधिकरण उत्तर प्रदेश में बना है. उपद्रवियों और दंगाइयों के खिलाफ योगी मॉडल देशभर में हिट हुआ है. योगी सरकार के वसूली ट्रिब्यूनल में एक चेयरमैन और एक सदस्य होंगे. अधिकरण में सिविल कोर्ट की सभी शक्तियां विद्यमान होंगी. ट्रिब्यूनल का निर्णय अंतिम होगा. अधिकरण के फैसले के विरुद्ध कहीं अपील नहीं की जा सकेगी.
- सेवानिवृत्त जिला न्यायाधीश अधिकरण के अध्यक्ष होंगे. संबंधित मंडल के अपर आयुक्त स्तर के अधिकारी इसके सदस्य होंगे. अध्यक्ष की नियुक्ति के लिए आवेदन मांगा जाएगा. मुख्य सचिव की अध्यक्षता में गठित कमेटी चेयरमैन का चयन करेगी. इस कमेटी में अपर मुख्य सचिव गृह एवं प्रमुख सचिव न्याय सदस्य होंगे. दावा अधिकरण के अध्यक्ष की नियुक्ति पांच वर्ष की अवधि अथवा 65 वर्ष की आयु तक, जो भी पहले हो तब तक के लिए की जाएगी.
- दावा अधिकरण के कार्यालय में दावा आयुक्त एवं उप दावा आयुक्त की नियुक्ति अपर मुख्य सचिव गृह द्वारा की जाएगी. दावा आयुक्त के रूप में राज्य प्रशासनिक सेवा या राज्य अभियोजन सेवा का राजपत्रित अधिकारी होगा. दावा अधिकरण को उसके संचालन के लिए किसी अन्य आवश्यक कर्मचारी वर्ग विशेष रूप से विधिक सलाहकारों की सेवाएं अपर मुख्य सचिव गृह द्वारा उपलब्ध कराई जाएंगी.
विधानसभा में इन चार विधेयकों पर चर्चा होगी
- विनियोग विधेयक प्रस्तुत करेंगे, इस विधेयक पर चर्चा
- मध्यप्रदेश काष्ठ चिरान संशोधन विधेयक पर होगी चर्चा
- भू-राजस्व संहिता संशोधन विधेयक पर चर्च होगी
- ग्वालियर व्यापार मेला प्राधिकरण संशोधन विधेयक पर चर्चा