भोपाल। जम्मू कश्मीर में रोशनी एक्ट के तहत जमीनों पर अतिक्रमण मामले में मध्य प्रदेश सरकार के गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा ने कहा कि, कुछ लोगों ने आतंकवाद के साथ मिलकर रोशनी के नाम पर कश्मीर जैसे प्रदेश में अंधेरा फैलाया है. धरती का स्वर्ग कहे जाने वाले जम्मू कश्मीर को नर्क बनाने की एक नापाक कोशिश की है. उन्होंने कहा कि, 'मैं प्रदेश के लोगों से अपील करता हूं कि, जो लोग भी जम्मू-कश्मीर से निर्वासित होकर मध्यप्रदेश में रह रहे हैं, वो गृह मंत्रालय को इसकी विस्तृत जानकारी दें, हम केंद्र से आग्रह करेंगे, ताकि उन्हें न्याय मिल सके'.
वरिष्ठ नेताओं के नाम शामिल
दरअसल जम्मू कश्मीर में इन दिनों स्थानीय निकायों के चुनाव होना है. जम्मू कश्मीर में चुनाव से पहले प्रशासन ने रोशनी एक्ट भूमि घोटाले से जुड़ी एक सूची जारी की है. जिसमें पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला सहित 868 लोगों के नाम हैं. रोशनी घोटाले में सीबीआई ने भी एक सूची जारी की है, कुल 25 हजार करोड़ का घोटाला सामने आया है. जिसमें कई पूर्व मंत्री, बड़े व्यापारियों के साथ अधिकारियों के नाम भी सामने आए हैं. पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला पर इस तरह के आरोप लगे हैं.
क्या है रोशनी एक्ट ?
तत्कालीन फारुक अब्दल्ला सरकार ने सूबे में हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट के लिए 2001 रोशनी एक्ट लागू किया था. इसके तहत सरकारी भूमि पर अवैध रूप से काबिज लोगों को मालिकाना हक देने की योजना थी. इससे प्राप्त होने वाली धनराशि का उपयोग हाइड्रो प्रोजेक्ट में किया जाना था. इस एक्ट के तहत 25 हजार करोड़ रुपये राजस्व जुटाने का आकलन किया गया था. सीएजी ने कुछ मामलों की जांच में पाया कि 325 करोड़ रुपये की जमीन मात्र 76 करोड़ रुपये में ही आवंटित कर दी गई. मार्केट दर से 80 प्रतिशत कम राशि पर जमीन आवंटित करने का भी पता चला है. ये भी सामने आया है कि, लोगों ने दूसरे के नाम पर भी जमीने खरीदी हैं. रोशनी एक्ट के तहत करीब 1 लाख 2 हजार 750 हेक्टेयर सरकारी जमीन रसूखदार लोगों को औने-पौने दाम में आवंटित कर दी गई थी. हालांकि पूर्व राज्यपाल सतपाल मलिक ने 28 नवंबर 2018 को इस एक्ट को रद कर दिया था.